छत्तीसगढ़ की महिला कवयित्रियों ने चित्रकूट में हनुमान जयंती पर भव्य साहित्यिक समारोह में बढ़ाया प्रदेश का मान

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चित्रकूट, मध्यप्रदेश। हनुमान जयंती के पावन अवसर पर चित्रकूट की दिव्य धरा पर आयोजित भव्य साहित्यिक अनुष्ठान में छत्तीसगढ़ की प्रतिभावान महिला कवयित्रियों ने भाग लेकर प्रदेश को गौरवान्वित किया। यह अनुष्ठान कामदगिरि पीठ के प्रांगण में आयोजित हुआ, जहां एक साथ तीन महत्वपूर्ण साहित्यिक कृतियों – दृष्टि अपनी-अपनी राम अपने-अपने, काव्य कुंभ (महाकुंभ – संपादक सुशीला कुमारी) और साहित्यिक त्रिवेणी – का भव्य विमोचन संपन्न हुआ।

इस आयोजन में विशिष्ट अतिथि के रूप में पूज्य स्वामी डॉ. मदन गोपाल जी महाराज (कामदगिरि पीठ, चित्रकूट), मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार श्री चंद्रशेखर बाजपेई ‘शेखर’, तथा प्रख्यात समाजसेवी एवं साहित्यकार श्री गोपाल जी भाई की गरिमामयी उपस्थिति रही।

कार्यक्रम का आयोजन डॉ. कुंवर वीर सिंह मार्तंड, संपादक – साहित्य त्रिवेणी, कोलकाता तथा डॉ. कमलेश थापक, सह-संपादक एवं अध्यक्ष – संस्कृत विभाग, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयास से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। संगीत की मधुर प्रस्तुति से इस आयोजन को सुशोभित करने में आदरणीय श्री श्याम चंद्रा जी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।

इस समारोह में छत्तीसगढ़ की चार प्रतिभाशाली कवयित्रियाँ – श्रद्धा पाठक ‘स्वस्ति’, सुषमा प्रेम पटेल, डॉ. मनोरमा चंद्रा और सीमा पटेल – की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। इन्होंने देशभर से पधारे मूर्धन्य साहित्यकारों के समक्ष अपनी छंदबद्ध रचनाओं की मनमोहक प्रस्तुति देकर न केवल श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया, बल्कि छत्तीसगढ़ की साहित्यिक गरिमा को भी नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।

साहित्यिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक बना यह आयोजन सभी रचनाकारों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा। छत्तीसगढ़ की मातृशक्ति की यह ऐतिहासिक भागीदारी न केवल प्रदेश के लिए गौरव का विषय है, बल्कि भविष्य की रचनात्मक प्रेरणा का स्रोत भी बनेगी।

दिनेश के.जी. (संपादक)

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