वनांचल में आर्थिक समृद्धि की उम्मीद : वन मंत्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई आईडीसी की अहम बैठक, वनोपजों के व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

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जगदलपुर। वन मंत्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में वनोपज राजकीय व्यापार अंतविभागीय समिति (IDC) की 306वीं बैठक नवा रायपुर स्थित मंत्री निवास कार्यालय में आयोजित की गई। इस बैठक में वनांचल क्षेत्र के विकास, लघु वनोपजों के व्यापार और आदिवासी जीवन स्तर को उन्नत बनाने से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

बैठक में मंत्री केदार कश्यप ने कहा, “राज्य सरकार का उद्देश्य वनों में रहने वाले लोगों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाना है। बैठक में लिए गए निर्णयों से वनोपजों का व्यापार मजबूत होगा, आय में वृद्धि होगी और वनांचल में आर्थिक क्रांति आएगी।

प्रमुख निर्णय एवं प्रस्ताव

  • 2023-24 और 2024-25 के लिए भारत सरकार की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) योजना के तहत 16 प्रमुख वनोपजों जैसे महुआ फूल, तेंदूपत्ता, हर्रा, बहेरा, चिरौंजी, गिलोय, रागी, कुल्थी आदि की खरीदी के प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए।
  • महुआ फूल (बीज रहित) की 1 लाख क्विंटल (101 लॉट) की गोदामशुल्क रहित निर्यात की स्वीकृति पूर्व निर्धारित दरों पर दी गई।
  • 2024-25 एवं 2025 के लिए गोदामशुल्क रहित वनोपजों की विक्रय दरें तय करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देशों पर विचार हुआ।

समीक्षा एवं निगरानी

मंत्री कश्यप ने 305वीं बैठक में लिए गए निर्णयों की प्रगति की समीक्षा की और 2021 सीजन की वनोपज लॉट क्रमांक 123(ब) के आवंटन के प्रस्ताव पर चर्चा की।

बैठक में उपस्थित प्रमुख अधिकारी

अपर मुख्य सचिव वन श्रीमती ऋचा शर्मा, सचिव वन श्री अमरनाथ प्रसाद, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री वी. श्रीनिवास राव, राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक श्री अनिल साहू, कार्यकारी संचालक श्री मनीवासगन, श्रीमती सलमा फारूकी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।
इस बैठक के निर्णयों से न सिर्फ वनोपज व्यापार को नई दिशा मिलेगी, बल्कि छत्तीसगढ़ के वनवासी समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी यह एक मजबूत कदम साबित होगा।

दिनेश के.जी. (संपादक)

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