एक राष्ट्र, एक चुनाव : मोदी जी की दूरदर्शिता से बदलेगा भारत का लोकतांत्रिक भविष्य – मंत्री केदार कश्यप

एक राष्ट्र एक चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के इस दूरदर्शिता से होगा देश को लाभ – केदार कश्यप
राष्ट्रीय संसाधनों का होगा सदुपयोग, भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश
एक राष्ट्र एक चुनाव केवल भाजपा की रणनीति नहीं यह वर्तमान समय की आवश्यकता है
एक राष्ट्र एक चुनाव बने जन अभियान, केदार कश्यप ने नागरिकों से किया आह्वान
जगदलपुर। एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर पुरे देश में संगोष्ठी, संवाद कई तरह के कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर भाजपा कार्यक्रम कर रही है वहीँ सामाजिक संगठन भी सरकार के इस पहल का समर्थन कर रहे हैं। आज जगदलपुर के श्यामा प्रसाद मुखर्जी टाउन हॉल में छत्तीसगढ़ प्रदेश के वनमंत्री केदार कश्यप ने एक राष्ट्र एक चुनाव के तहत आयोजिए सामाजिक संगोष्ठी को सम्बोधित किया।
मंत्री केदार कश्यप ने एक राष्ट्र एक चुनाव के पृष्ठभूमि को लेकर लोगों को बताया कि सितंबर 2023 में केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में ‘एक राष्ट्र – एक चुनाव’ (One Nation, One Election- ONOE) पर एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया। समिति ने राष्ट्रीय एवं राज्यस्तरीय राजनीतिक दलों के साथ परामर्श किया और संभावित अनुशंसाओं के साथ आम लोगो एवं न्यायविदों के विचार आमंत्रित किये। एक राष्ट्र – एक चुनाव का प्रस्ताव भारत के लोकतांत्रिक ढाँचे और संघीय ढाँचे पर इसके प्रभाव के बारे में चिंताएँ उत्पन्न करता है।
लोकसभा के प्रथम आम चुनाव और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव 1951-52 में एक साथ आयोजित कराये गए थे। यह अभ्यास वर्ष 1957, 1962 और 1967 में आयोजित अगले तीन आम चुनावों में भी जारी रहा लेकिन वर्ष 1968 और 1969 में कुछ विधानसभाओं के समय-पूर्व विघटन के कारण यह चक्र बाधित हो गया। वर्ष 1970 में स्वयं लोकसभा का समय-पूर्व विघटन हो गया और वर्ष 1971 में नए चुनाव आयोजित कराये गए। इस प्रकार, वर्ष 1970 तक केवल प्रथम, द्वितीय और तृतीय लोकसभा ने पाँच वर्ष का नियत कार्यकाल पूरा किया।
‘एक राष्ट्र – एक चुनाव’ पर मोदी सरकार का विजन
वनमंत्री केदार कश्यप ने एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर मोदी सरकार के दूरदर्शी सोच का परिणाम बताया उन्होंने कहा कि यह अवधारणा एक ऐसे परिदृश्य की कल्पना करती है जहाँ प्रत्येक पाँच वर्ष पर सभी राज्यों के चुनाव लोकसभा के आम चुनावों के साथ-साथ संपन्न होंगे। हमारा विचार यह है कि चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाए और चुनावों की आवृत्ति को कम किया जाए, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।
एक राष्ट्र एक चुनाव शासन विकर्षणों को कम करना : मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि बार-बार चुनाव आयोजित होने से शीर्ष नेताओं से लेकर स्थानीय प्रतिनिधियों तक पूरे देश का ध्यान भटक जाता है, जिससे विभिन्न स्तरों पर प्रशासन एक तरह से पंगु हो जाता है। यह चुनावी व्यस्तता भारत की विकास संभावनाओं पर नकारात्मक प्रभाव डालती है और प्रभावी शासन में बाधा उत्पन्न करती है।
आदर्श आचार संहिता का प्रभाव : वनमंत्री ने कहा कि चुनावों के दौरान लागू आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct- MCC) राष्ट्रीय और स्थानीय दोनों स्तरों पर प्रमुख नीतिगत निर्णयों में विलंब का कारण बनती है। यहाँ तक कि चल रही परियोजनाओं में भी बाधा उत्पन्न होती है क्योंकि चुनाव संबंधी कर्तव्यों को प्राथमिकता दी जाती है, जिससे नियमित प्रशासन में सुस्ती आ जाती है।
राजनीतिक भ्रष्टाचार को सरकार रोकने का प्रयास करना चाहती है
मंत्री कश्यप ने मोदी सरकार के मंशा को लेकर लोगों को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी जी जनता के विकास और संवर्धन के पक्षधर हैं। मोदी सरकार और हमारा भी यह मानना है कि बार-बार चुनाव का आयोजन राजनीतिक भ्रष्टाचार में योगदान करते हैं क्योंकि प्रत्येक चुनाव के लिये उल्लेखनीय मात्रा में धन जुटाने की आवश्यकता होती है। एक साथ चुनाव कराने से राजनीतिक दलों के चुनाव खर्च में व्यापक कमी आ सकती है, जिससे बार-बार धन जुटाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। साथ ही इससे आम लोगों और व्यापारिक समुदाय पर बार-बार चुनावी चंदा देने का दबाव भी कम हो जाएगा।
वनमंत्री केदार कश्यप जे लोगों से आग्रह किया है कि हम इस विषय पर अधिक से अधिक लोगों से चर्चा करें। आम लोगों के द्वारा जब इस पर चर्चा होगी तब यह पहल जन आंदोलन बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा है हमें वन नेशन वन इलेक्शन के विषय में विचार करना होगा इस दिशा में आगे बढ़ना होगा और मुझे लगता है कि हम सभी इस विचार पर मोदी जी के साथ हैं।
इस अवसर पर चित्रकोट विधायक श्री विनायक गोयल जी, पूर्व सांसद श्री दिनेश कश्यप जी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप जी, महापौर जगदलपुर श्री संजय पाण्डे जी, जिला अध्यक्ष भाजपा श्री वेदप्रसाद पाण्डे जी सहित सहित पार्टी पदाधिकारी, देवतुल्य कार्यकर्तागण एवं समाज के प्रबुद्ध एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।