कुरंदी में आयोजित भव्य समाधान शिविर में विधायक किरण देव ने हल्बी बोली में जीता दिल, 10 पंचायतों के 9284 आवेदनों का हुआ ऑन-द-स्पॉट निराकरण

जनसमस्याओं के समाधान में सुशासन तिहार बना मिसाल
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने स्थानीय बोली में किया संवाद, योजनाओं के लाभ से जुड़ने का किया आग्रह
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाए जा रहे सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत बुधवार को जगदलपुर विधानसभा के कुरंदी क्लस्टर में एक प्रभावशाली समाधान शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में कुल 10 ग्राम पंचायतों – हल्बा कचोरा, आड़ावाल, नकटी सेमरा, मारकेल, शिवनागुड़ा, कुरंदी, बिलोरी धनियालूर, चिलकुटी, पोडागुड़ा – को शामिल किया गया। इस शिविर में 9284 आवेदन प्राप्त हुए और सभी का स्थल पर ही त्वरित निराकरण किया गया, जिससे ग्रामीणों में सरकार के प्रति विश्वास और आत्मीयता और गहराई।
शिविर में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक श्री किरण देव विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने स्थानीय हल्बी बोली में जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि –
“मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश भर में सुशासन तिहार के माध्यम से जनसमस्याओं का त्वरित समाधान किया जा रहा है। समाधान शिविर आम जनता के लिए वरदान बनकर उभरा है।“
श्री देव ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार हर वर्ग तक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब ग्रामीणों को छोटी-छोटी समस्याओं के लिए तहसील या जिला मुख्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि अब समाधान गांवों की चौपाल पर मिल रहा है।
शिविर में ये हुए प्रमुख कार्य
- पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सर्वाधिक आवेदन प्राप्त और निपटाए गए
- पात्र हितग्राहियों को प्रमाण पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, किसान किताब, सामाजिक पेंशन, प्रधानमंत्री आवास स्वीकृति पत्र एवं सामग्रियों का वितरण
- विभागीय योजनाओं की जानकारी देकर लोगों को जोड़ने का प्रयास
कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष पदलाम नाग, उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम कश्यप, विधायक प्रतिनिधि विधाशरण तिवारी, मंडल अध्यक्ष महेंद्र सेठिया, जनपद सीईओ अमित भाटिया, जिला-जनपद सदस्यगण, सरपंचगण, अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में देवतुल्य ग्रामीणजन उपस्थित थे।
श्री किरण देव ने अंत में आह्वान किया –
“आइए, सब मिलकर छत्तीसगढ़ के नव निर्माण में सहभागी बनें। सरकार की योजनाएं तभी सार्थक होंगी, जब अंतिम व्यक्ति तक उनका लाभ पहुंचे।“