इंद्रावती का स्थाई समाधान निकाले सरकार कोसारटेडा नहीं है समाधान, स्व. बलीराम कश्यप जी के परिकल्पना से बना था बांध, स्थानीय विधायक की निष्क्रियता के चलते छोड़ा गया डेम का पानी, विधायक को किसानों और पेयजल की नहीं है चिंता – खितेश मौर्य

सीजीटाइम्स। 22 अप्रैल 2019
भानपुरी। चित्रकोट जलप्रपात सूखने के बाद कोसारटेडा बांध से पानी छोड़ने पर विवाद शुरू हो गया भाजपा युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष खितेश मौर्य ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि सरकार चित्रकोट के जलस्तर को बढ़ाने कोई स्थाई समाधान निकाले न कि कोसारटेडा बांध का पानी छोड़कर। स्व. बलीराम कश्यप जी के दूरदृष्टि परिकल्पना से क्षेत्र में व्याप्त पानी की समस्या को दूर करने के लिए कोसारटेडा बांध का निर्माण किया गया, जिससे किसानों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी एवं पिने योग्य पानी की समस्याएं समाप्त हो जाए, जिसका फायदा विगत् कुछ वर्षों से किसानों को दोहरी फसल के रूप में मिल रहा है। कोसारटेडा जलाशय को क्षेत्र में सिंचाई और किसानों के लिए बनाया गया है, जिससे वर्तमान में 25 गांवो में पेयजलापूर्ति भी की जा रही है। पानी की पूर्ती करना सम्भव नहीं है, भविष्य में किसानों के लिए संकट की स्थिति निर्मित होगी।
उन्होंने स्थानीय विधायक चंदन कश्यप पर आरोप लगाते हुए कहा कि क्या कोसारटेडा का पानी छोड़ना और विधायक का पानी चुरा ले जाने के बाद भी अंजान रहना विधायक की निष्क्रियता दर्शाता है, क्या विधायक को किसानों की चिंता नहीं है? विधायक का मौन रहना किसान विरोधी मानसिकता का परिचय देता है। भविष्य में जलसंकट को देखते हुए 25 गांवों के किसानों के साथ विधायक की निष्क्रियता को उजागर कर किसान हित मे आंदोलन किया जाएगा और विधायक को कुम्भकर्ण नींद से जगाया जाएगा मौर्य ने आगे कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने उड़ीसा सरकार से जोरानाला पर सहमति बनकर 50 – 50 प्रतिशत जल बंटवारा किया था। कांग्रेस सरकार बनते ही सरकार की निष्क्रियता के कारण उड़ीसा ने अनुबंध का उल्लंघन किया है जो कि कांग्रेस सरकार की नाकामी को दर्शाता है।