सीजीटाइम्स। 14 मई 2019

रायपुर। पूरे विश्व में तेजी से गिर रहे भू-जल स्तर और आसन्न जल संकट जैसी गंभीर समस्याओं से निपटने वाटर हार्वेस्टिंग जैसे उपाय काफी उपयोगी एवं सफल हो सकते हैं। राज्य शासन के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति जन जागरूकता बढ़ाकर ऐसे प्रयासों में जन-जन की भागीदारी बढाने का प्रयास किया जा रहा है।

नगरीय निकायों भूमिगत जल संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाये जाने के लिए वर्षा जल संचयन या रेनहार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए जारी आदेश के तहत् वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम 150 वर्गमीटर से अधिक आकार के भू-खण्डों मंे वर्षा जल संरक्षण हेतु छत्तीसगढ़ भूमि विकास निगम 1984 के नियम में प्रावधानों के अनुसार रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किया जाना आवश्यक है। भूमि जल संरक्षण के संबंध में राज्य शासन द्वारा भवन अनुज्ञा हेतु ऑनलाइन व्यवस्था लागू की गई है। जिसमें आवेदक द्वारा समस्त अभिलेख एवं जमा की जाने वाली राशि ऑनलाइन प्रस्तुत की जाती है। सुरक्षा राशि आयुक्त, मु.न.पा. अधिकारी के पक्ष में देय होती है। सुरक्षा राशि बैंक या डाकघर के माध्यम से जमा होती है। इसके अंतर्गत रेनवाटर हार्वेस्टिंग हेतु जमा की जाने वाली सुरक्षा राशि भी ऑनलाइन निकाय के पृथक से खाते में जमा की जाती है। भवन का निर्माण कार्यपूर्ण होने एवं रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के स्थापित किए जाने की निकाय द्वारा निरीक्षण एवं पुष्टि के उपरांत सुरक्षा राशि की सावधि जमा राशि निकाय द्वारा वापस की जाती है। भवन स्वामी द्वारा अनुज्ञा की अवधि में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण एवं रख-रखाव स्थापना प्रावधानित विधि से पूर्ण नहीं किए जाने की स्थिति में जमा कराई गई राशि राजसात कर ली जाती है।

इसके प्रावधानों के तहत् एकल इकाई भवन हेतु सुरक्षा राशि की गणना संपूर्ण भूखण्ड क्षेत्र पर 55 रूपये प्रति वर्गमीटर की दर से की जाती है। किन्तु इस श्रेणी के भवनों के लिए सुरक्षा राशि की अधिकतम सीमा 15 हजार रूपये है। रो-हाऊसिंग योजना के अंतर्गत सुरक्षा राशि की गणना भूखण्ड क्षेत्रफल जिस पर भवनों का निर्माण प्रस्तावित है पर 55 रूपये प्रति वर्गमीटर की दर से तथा शेष क्षेत्र के क्षेत्रफल पर राशि एक लाख रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से गणना कर अधिरोपित की जाती है। रो-हाऊसिंग के सम्पूर्ण अभिन्यास के सुरक्षा राशि की अधिकतम सीमा 10 लाख रूपये हैं। ग्रुप हाऊसिंग के लिए सुरक्षा राशि की गणना एवं अधिकतम सीमा रो-हाऊसिंग के समान ही है।

बहुइकाई भवनों के लिए सुरक्षा राशि की गणना सपूर्ण भूखण्ड क्षेत्र का 55 रूपये प्रति वर्गमीटर की दर से की जाती है। किन्तु अधिकतम सीमा इकाईयों की संख्या ग 15 हजार रूपये के गुणनफल से प्राप्त होने वाली राशि से अधिक नहीं है।
कॉलोनी विकास के प्रकरणों मंे सुरक्षा राशि की गणना भूखण्ड एवं सड़क की भूमि को छोड़कर शेष क्षेत्रफल पर 1 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से की जाती है। किन्तु सुरक्षा राशि की अधिकतम सीमा 10 लाख रूपये होगी। वाणिज्यिक, सार्वजनिक, अर्धसार्वजनिक, औद्योगिक भवनों-परिसरों के प्रकरणों में भी सुरक्षा राशि की गणना 55 रूपये के प्रति वर्गमीटर की दर से भूखण्ड के संपूर्ण क्षेत्रफल पर की जाती है। किन्तु सुरक्षा राशि की अधिकतम सीमा राशि 10 लाख रूपये होगी।

नगरीय निकाय द्वारा भवन निर्माण, छत्तीसगढ़ नगर पालिका कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बधन तथ शर्ते नियम 1998 के तहत यथा निर्माण-विकास की अनुज्ञा जारी करने के पूर्व अन्य देय कर-शुल्क की राशि जमा कराए जाने की साथ ही सुरक्षा राशि (एफ.डी.आर. के रूप में) जमा कराया जाना सुनिश्चित किया गया है।

ऐसे भवन जो 150 वर्गमीटर से अधिक आकार के भूखण्ड पर पूर्व से निर्मित हैं तथा उनमें रेनवाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान अद्यतन नही किया गया है पर प्रतिवर्ष भूखण्ड क्षेत्रफल पर प्रति 100 वर्गमीटर पर एक हजार रूपये के मान से वार्षिक जुर्माना आरोपित की जाएगी। इस प्रकार का जुर्माना तब तक आरोपित की जाती है। जब तक की भवन स्वामी द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कर नगरीय निकाय को को इसकी लिखित सूचना नहीं दी जाती है। उक्त जुर्माना की राशि की वसूली, नगरीय निकाय द्वारा भवन स्वामी से सम्पत्ति कर के साथ की जाती है। किसी भी परिस्थिति में जुर्माना की राशि वापसी योग्य नहीं होगी।

शासकीय, समस्त सार्वजनिक भवन निर्माण इसकी अनिवार्यता का प्रावधान रखा गया है। अभिन्यास स्वीकृति में इसके लिए प्रावधानिक समय सीमा भवन अनुज्ञा एवं विकास अनुज्ञा के लिए समान ही रखी गई है। रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की पूर्णता के पश्चात् ही नल संयोजन, भवन पूर्णता एवं विद्युत अनापत्ति दी जाती है। निकाय स्तर पर निकाय के अभियंता एवं सभी पंजीकृत अभियंताओं को इस संदर्भ मंे अनिवार्य प्रशिक्षण दिया जाता है।

18 मार्च 2019 की स्थिति में नगरीय निकायों में भवन अनुज्ञा किए जाने वाले 150 वर्गमीटर के क्षेत्रफल से अधिक आकार के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग अंतर्गत अभी तक 7365 कुल प्रकरणों के 1709.18 लाख रूपए जमा है। जिसमें से 2435 पूर्ण प्रकरणों के 445.85 लाख रूपए विमुक्त किए गए है तथा शेष 4930 प्रकरणों की 1263.33 लाख रूपए जमा है। जिसे पूर्ण होने पर प्रावधान के तहत राशि रिफंड की जानी है।

दिनेश के.जी. (संपादक)

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By दिनेश के.जी. (संपादक)

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4 thoughts on “भू-जल स्तर और आसन्न जल संकट जैसे समस्याओं से निपटने वाटर हार्वेस्टिंग उपयोगी एवं सफल उपाय”
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