खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की योजनाओं में स्वरोजगार की बेहतर संभावनाएं, अधिकतम 35 प्रतिशत तक अनुदान की सुविधा, बस्तर संभाग में 39 लाख रूपए का अनुदान वितरित

सीजीटाइम्स। 08 जुलाई 2019
जगदलपुर। ग्रामोद्योग विभाग के अन्तर्गत गठित छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार स्थापना के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। इसमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम तथा मुख्यमंत्री रोजगार कार्यक्रम दो महत्वूपर्ण योजनाएं हैं। इन दोनों योजनाओं में अधिकतम 35 प्र्रतिशत तक का अनुदान है। बस्तर संभाग इन दोनों योजनाओं के अन्तर्गत इस वित्तीय वर्ष में 29 इकाईयों की स्थापना की जा रही है, जिसमें 39 लाख 61 हजार रूपए का अनुदान उपलब्ध कराया गया है।
ग्रामोद्योग विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत अधिकतम 25 लाख रूपए तक का ऋण स्वीकृत किया जाता है, जिसमें 35 प्रतिशत अर्थात 25 लाख रूपए के ऋण में 8 लाख 75 हजार रूपए का अनुदान दिया जाता है। चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के अन्तर्गत बस्तर संभाग के कांकेर जिले में 8, कोण्डागांव जिले में एक, बस्तर जिले में 4 और बीजापुर तथा सुकमा जिले में एक-एक इकाईयांे की स्थापना के लिए ऋण स्वीकृत किया गया है। इन इकाईयों को 30 लाख 11 हजार रूपए का अनुदान दिया गया है। इसी तरह मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत अधिकतम तीन लाख रूपए का ऋण दिया जाता है और इसमें भी 35 प्रतिशत का अनुदान हितग्राही को दिया जाता है। इस योजना के अन्तर्गत चालू वित्तीय वर्ष में बस्तर संभाग के कांकेर जिले में 6, बस्तर जिले में 6 और दंतेवाड़ा जिले में 2 इकाईयों की स्थापना के लिए ऋण स्वीकृत किया गया है, जिसमें 9 लाख 50 हजार रूपए का अनुदान स्वीकृत किया गया है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र प्रवर्तित प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत सेवा क्षेत्र की इकाई स्थापना के लिए अधिकतम दस लाख रूपए तथा विनिर्माण इकाईयों की स्थापना के लिए 25 लाख रूपए तक का ऋण स्वीकृत किया जाता है, जबकि राज्य प्रवर्तित मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत सेवा क्षेत्र के लिए एक लाख रूपए तथा विनिर्माण क्षत्र में तीन लाख रूपए का ऋण स्वीकृत किया जाता है। इन दोनों योजनाओं में 5 प्रतिशत अंशदान स्वयं हितग्राही को करना होता है। विनिर्माण क्षेत्र में खनिज, वन, कृषि एवं खाद्य तथा रसायन आधारित उद्योगों की स्थापना की जा सकती है। सेवा क्षेत्र में धुलाई, नाई, पलम्बर, बिजली एवं वायरिंग, ढाबा, सायकल-मोटरसायकल मरम्मत, मोटर पम्प मरम्मत, लाॅऊड स्पीकर आदि इकाईयों की स्थापना के लिए ऋण लिया जा सकता है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी अथवा ग्रामोद्योग विभाग के सहायक संचालक अथवा जिला निरीक्षक ग्रामोद्योग से सम्पर्क किया जा सकता है।