स्थानांतरण के बावजूद बिना चार्ज दिए सरकारी वाहनों के साथ नदारद हैं इंद्रावती टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर


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सीजीटाइम्स। 01 सितम्बर 2019
बीजापुर। वन विभाग द्वारा किए बडे़ तबादलों में इंद्रावती टाइगर रिजर्व के प्रभारी उप संचालक एमके चौधरी तबादला आदेश आने के बावजूद एक सप्ताह से कार्यालय से नदारद हैं और इसकी सूचना किसी को नहीं है। इधर, नए उप संचालक अशोक पटेल ने एकतरफा चार्ज ले लिया है लेकिन चार सरकारी वाहनें स्थानांतरित प्रभारी उप संचालक के पास होने से कामकाज पर असर पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि चार सरकारी वाहन स्थानांतरित प्रभारी उप संचालक एमके चौधरी के बंगले में खड़ी हुई है, जिस वजह से विभाग को परेशानियाँ झेलनी पड़ रही है।
सूत्रों के मुताबिक इंद्रावती टाइगर रिजर्व के प्रभारी उप संचालक एमके चौधरी का तबादला आदेश 23 अगस्त को राजधानी से जारी हुआ। उनके साथ ही बीजापुर सामान्य वन मण्डल के एसडीओ अशोक पटेल का तबादला आदेश भी जारी हुआ। उन्हें इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उप संचालक का प्रभार दिया गया। अशोक पटेल ने 28 अगस्त को चार्ज ले लिया लेकिन तब एमके चौधरी कार्यालय में नहीं थे। इस वजह से अशोक पटेल को एकतरफा चार्ज लेना पड़ा। खबर है कि अभी चार सरकारी वाहनें पूर्व उप संचालक के बंगले में खड़ी हैं।
ये चर्चा भी हैं कि इंद्रावती टाइगर रिजर्व में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है और इसकी लीपापोती की तैयारी की कवायद में पूर्व उप संचालक लगे हुए हैं। समझा जाता है कि वे तबादला रूकवाने की जुगत में हैं। ये बात भी जोर पकड़ने लगी है कि भैरमगढ़ वन भैंसा अभयारण्य में भी बडे स्तर पर घोटाला हुआ है। सबसे आश्चर्यजनक बात तो ये है कि इंद्रावती टाइगर रिजर्व में उप संचालक के पद पर रहते एमके चौधरी वन भैंसा अभयारण्य के भी एसडीओ थे। बताया जा रहा है कि भैरमगढ़ रेंज का प्रभार फिलहाल फारेस्टर रामायण मिश्रा के पास है। सीसीएफ के आदेश पर उन्हें रेंज का प्रभार दिया गया है। नियमतः फारेस्टर को रेंजर का प्रभार नहीं दिया जा सकता है।
नहीं दिया है चार्ज :
इस बारे में नए उप संचालक अशोक पटेल का कहना है कि पूर्व उप संचालक एमके चौधरी कहां गए हैं, इस बारे में उन्हें नहीं पता है। शासन के आदेश का पालन करते हुए उन्होंने प्रभार ले लिया है।