जापानी इंसेफ्लाइट्स से एक बच्चे की मौत, स्वास्थ्य विभाग ने गांव में लगाया शिविर

कलेक्टर ने सभी प्रतिबंधात्मक उपाय करने के दिए निर्देश
जगदलपुर। जिले के तोकापाल विकासखण्ड के ग्राम राजूर में एक दस वर्षीय बालक की जापानी इंसेफ्लाइट्स से मृत्यु होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने आज गांव में शिविर लगाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। कलेक्टर डाॅ. अय्याज तम्बोली ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को गांव में लगातार शिविर लगाने तथा वायरस के सोर्स का पता लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह वायरस प्रवासी पक्षी, बतख और सुअर से फैलता है। इसलिए पक्षियों और सुअर का सेम्पल लेकर जांच के लिए भेजें। इसके साथ घर के आसपास एकत्रित पानी की भी सफाई और फाॅगिंग किया जाए। उन्होंने ग्रामीणों को इस बीमारी के लक्षण और बचाव के लिए भी जागरूक करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ आर. के. चतुर्वेदी ने बताया कि तोकापाल विकासखण्ड के ग्राम राजूर के सोरास पारा के 10 वर्षीय बालक लखेश्वर बघेल पिता जगीराम बघेल को 15 नवम्बर को बुखार आया था। 16 नवम्बर को बालक को केशलूर के एक वैद्य को दिखाया गया था। दवाई के बाद बालक ठीक था, लेकिन शाम को उसे फिर बुखार आ गया। फिर उसे उड़ीसा ले जाया गया। शनिवार 17 को बालक का स्वास्थ्य ठीक था, लेकिन रविवार को बालक के बेहोश होने के बाद उसे एमपीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। 19 नवम्बर को बालक का सेम्पल परीक्षण के लिए डिमरापाल मेडिकल काॅलेज भेजा गया। 21 नवम्बर को सेम्पल रिपोर्ट आया, जिसमें जापानी इंसेफ्लाइट्स पाॅजीटिव पाया गया, लेकिन उसी दिन दोपहर ढाई बजे अस्पताल में बच्चे की मौत हो गई।
डाॅ.चतुर्वेदी ने बताया कि जापानी इंसेफ्लाइट्स पाॅजीटिव आने पर खण्ड चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में स्वास्थ्य अमला ग्राम राजूर के सोरास पारा का भ्रमण कर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान केवल एक व्यक्ति बुखार से पीड़ित पाया गया। डाॅ. चतुर्वेदी ने बताया कि बच्चे के घर के पास एकत्रित पानी में लार्वा पाया गया, जिसे नष्ट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर गांव में फागिंग कराया जा रहा है और बतख के खून के सेम्पल लिए जा रहे हैं। ग्रामीणों से इस बीमारी से बचाव के लिए भी जागरूक किया जा रहा है।