प्रशासन संवेदनशील होता तो कुष्ठ रोगियों को भीक्षा न मांगनी पड़ती – बाफना

कांग्रेस शासन में कुष्ठ रोगी भीख मांगने को मजबूर, संवेदनशील सरकार होती तो कुष्ठ रोगियों को भीख न मांगनी पड़ती – बाफना

जगदलपुर। पूर्व विधायक संतोष बाफना ने जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखकर कुष्ठ रोगियों को शासन की किसी भी योजनाओं का लाभ न मिलने के संबंध में स्वास्थ्य विभाग का ध्यान आकर्षित कराने का प्रयास किया है।

बता दें कि, पूर्व विधायक ने इससे पहले भी बस्तर जिले के शासकीय अस्पतालों में दवाईयों व अन्य उपकरणों की किल्लत के संबंध में राज्य शासन व जिला प्रशासन के साथ सीएमओ को भी पत्र लिखकर इस विषय से अवगत कराने भी प्रयास किया था। श्री बाफना ने इस बारी अपने लिखे हुये पत्र में पूर्व प्रेषित पत्र का हवाला देते हुए लिखा है कि, कुछ दिनों पूर्व पत्र के माध्यम से मैंने राज्य शासन के साथ ही जिला प्रशासन के अलावा आपके कार्यालय को भी कुष्ठ रोगियों के संबंध में शासन की किसी भी योजनाओं के साथ दवाईयां न मिलने संबंधी पत्र लिखा था। आशा थी कि, पत्र पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अवश्य ही सार्थक पहल की जाएगी। परंतु आज पुनः पत्र लिखने की आवश्यकता इसलिए आ गई कि, ग्राम पंचायत माचकोट के निवासियों द्वारा समक्ष उपस्थित होकर अवगत कराया गया है कि, ग्राम माचकोट (पुजारीपारा) के अंतर्गत आने वाले देवड़ा शिवालय के परिसर में वर्षों से कुछ लोग निवासरत् हैं जो कि, कुष्ठ रोग से पीड़ित है और जिनकी आर्थिक स्थिति भी अत्यंत दयनीय है। संबंधित पीड़ित जन देवड़ा शिवालय व आस-पास के क्षेत्र में भिक्षाटन कर अपना जीवन यापन करने को विवश है।

इसके साथ ही पूर्व विधायक संतोष बाफना ने वर्तमान शासन पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा है कि, यदि सरकार कुष्ठ रोगियों के नाम पर लाखों रूपए प्रतिवर्ष खर्च कर रही है तो इसका किसी भी प्रकार का कोई फायदा, यहाॅ तक की स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुष्ठ रोगियों को दवाईयां भी उपलब्ध क्यों नहीं कराई जा रही हैं। यदि वर्तमान शासन मरीजों प्रति थोड़ी भी सहानुभूतिपूर्वक कार्य कर रही होती तो निश्चय ही ऐसी स्थिति निर्मित नहीं होती। पूर्व विधायक ने कुष्ठ रोगियों को स्वास्थ्य विभाग से किसी भी प्रकार का लाभ न मिलने का इसका सबसे बड़ा सबूत यह है कि देवड़ा शिवालय परिसर में बसे सभी कुष्ठ रोगी भीक्षा मांगकर अपना गुजारा करने पर मजबूर हैं।

पत्र के अंत में संतोष बाफना ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से अनुरोध किया कि, आप संबंधित प्रकरण पर संवेदनशीलतापूर्वक उचित कार्यवाही करते हुए कुष्ठ रोग से पीड़ित जनों को स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं का लाभ दिलाने विषयक आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करेंगे।

दिनेश के.जी. (संपादक)

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Dinesh KG
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8 thoughts on “प्रशासन संवेदनशील होता तो कुष्ठ रोगियों को भीक्षा न मांगनी पड़ती – बाफना

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