नगर निगम नेताप्रतिपक्ष “संजय पांडे” ने महापौर को लिखा पत्र, अनाज बैंक संचालन, प्लेसमेंट व निविदा कार्यों में गड़बड़ी को लेकर जताई नाराज़गी

जगदलपुर। नगर निगम नेताप्रतिपक्ष “संजय पांडे” ने महापौर को पत्र लिखकर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन में नगर निगम में अनाज बैंक संचालित किया जा रहा था। दानदाता विभिन्न प्रकार से खाद्य सामग्री एवं मास्क इत्यादि दान कर रहे थे। सभी ने देखा है कि राशन बांटने में निगम के दो बड़े नेता के बीच प्रतिस्पर्धा हो रही थी। अधिकांश पार्षदों ने अपने अपने वार्ड में विषम परिस्थितियों में भी अच्छा काम किया है। परंतु यह देखा गया है कि अनाज बैंक से अन्न का वितरण हेतु कोई मापदंड या समरूपता का पालन नहीं किया गया। इस से भ्रम की स्थिति पैदा हुई है और निगम शक के दायरे में हैं। अन्नदाताओं का सम्मान होना था, परंतु उनसे प्राप्त सामग्री की बंदरबांट हुई।
उन्होंने कहा है कि पार्षद निधि से अन्न सामग्री क्रय करने की निविदा में भी भारी अनियमितता उजागर हुई है। आनन-फानन में टेंडर बुलाया गया। गुप्त रूप से इसे खोला गया, किसी भी निविदाकार को इसकी जानकारी नहीं दी गई । पारदर्शिता का पूर्ण अभाव साफ साफ दिखता है। आमंत्रित निविदा में अधिक दर आने वाले सामग्रियों का भी सप्लाई आर्डर एक ही फर्म को दे दिया गया। कुछ दर तो MRP से भी अधिक पाए गए हैं । कुल मिलकर विषम परिस्थितियों में सेवा देने का काम भी सेटिंग एवं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है।
श्री पांडे ने आरोप लगाया है कि नगर निगम को प्लेसमेंट में कर्मचारी देने वाले एजेंसी का कार्यकाल को भी गुपचुप तरीके से 1 साल के लिए बढ़ाने का विषय भी जनमानस को अचंभित कर रहा है। जब नियम शर्तों में स्पष्ट उल्लेख है कि प्लेसमेंट एजेंसी का कार्यकाल तभी बढ़ाया जा सकेगा, जब उसका कार्य संतोषजनक पाया जावेगा। क्या इस विषय में निगम ने चुनी हुई नई परिषद के एमआईसी सदस्यों से या चुने हुए पार्षदों से कोई राय ली गई? पत्र में उन्होंने लिखा है कि मुझे विश्वस्त सूत्रों से विदित है कि आपके ही एमआईसी के कुछ सदस्य इससे बेहद उद्वेलित हैं, तथा उन्होंने इसका अंदर ही अंदर विरोध किया है। मुझसे भी इस संबंध में उन्होंने चर्चा की है ।चूंकि वे आपके प्रसादपर्यंत ही एमआईसी सदस्य रह सकते हैं, अतः वह इसका खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे हैं। यह आदेश भी निश्चित फायदे के दायरे में लाकर किया गया है। यह फायदा किसे हो रहा है? सेवा कार्य भी भ्रष्टाचार के अवसर पर क्यों बदला यह आपको बताना चाहिए। आप निगम की ही नहीं शहर की भी प्रथम नागरिक के पद में सुशोभित है। किसी भी अच्छे बुरे कार्य के लिए आपकी ज़िम्मेदारी को आप अनदेखी नहीं कर सकतीं। साथ ही नेताप्रतिपक्ष ने कहा कि मुझे विश्वास है कि मेरे पूर्व पत्रों के साथ जो हुआ, वह इस पत्र के साथ नहीं होगा। आप निर्णय लेंगी, कार्यवाही करेंगी।