दिव्यांग संतोष ने स्वरोजगार से दिव्यांगता को दी मात, मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना का लाभ लेकर जीवन को बनाया आत्मनिर्भर

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जगदलपुर। शहर के गंगा नगर वार्ड निवासी दिव्यांग संतोष कुमार शर्मा ने अपनी दिव्यांगता को अपने हौसले के सामने विफल कर वार्ड में ही स्वरोजगार अपना कर किराना दुकान को अपनी आय का जरिया बनाया। मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना का लाभ लेकर अपने व्यवसाय को बढ़ावा दिया। संतोष ने स्वरोजगार से अपने जीवन को आत्मनिर्भर बनाया है।

संतोष जन्म से एक वर्ष बाद से ही ये दोनों पैरों में शारीरिक बदलाव के कारण पैरों से चलने में असमर्थ हो गए। संतोष के पिता श्री रामजुलन मजदूरी कर परिवार पालते थे। संतोष ने 12 वीं तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद परिवार की आर्थिक तंगी देखकर 06 हजार की जमा पूंजी से एक किराना दुकान प्रांरभ किया। कम बजट के कारण व्यवसाय कम चलता था। इसी बीच संतोष शर्मा को जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र से संचालित मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना की जानकारी मिली, उन्होंने उद्योग केंद्र से संपर्क किया। उद्योग अधिकारियों ने उनका उचित मार्गदर्शन देकर प्राथमिकता के आधार पर किराना व्यवसाय का ऋण प्रकरण तैयार कर मुख्य शाखा भारतीय स्टेट बैंक को प्रेषित किया। बैंक प्रबंधक ने भी सहानुभूति पूर्वक एक लाख का ऋण स्वीकृत किया।

जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र में एक सप्ताह का उद्यमिता प्रशिक्षण में वे सम्मिलित हुए जिसमें उन्हें नई जानकारी मिली। प्रशिक्षण उपरांत छत्तीसगढ़ शासन की योजना के अनुसार जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र ने 15 हजार मार्जिन मनी अनुदान बैंक ने फरवरी 2020 में 01 लाख रूपए का ऋण वितरण किया। इस प्रकार एक लाख की लागत से किराना एवं डेली नीड्स का व्यवसाय गंगा नगर वार्ड शीतला होटल के पीछे गीदम रोड़ में प्रारंभ किया।

अच्छे व्यवहार के कारण व्यवसाय चल निकला। व्यवसाय से उन्हें पर्याप्त आय हो रही है जिससे बैंक की किस्त 26 सौ रूपए वे नियमित जमा हुए परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। युवाओं हेतु स्वरोजगार योजना को लाभकारी बताते हुए वे कहते है कि ‘जाॅब सीकर नहीं जाॅब प्रोवाइडर बने’।

दिनेश के.जी. (संपादक)

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