सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के रास्ते भारतवर्ष को परम वैभव के शिखर पर पहुँचाने का डाॅ. श्यामाप्रसाद जी का स्वप्न साकार होने लगा है – केदार कश्यप

जगदलपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रेरणा स्रोत, स्वतंत्र भारत के प्रथम बलिदानी डाॅ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की 119 वीं जयंती पर भारतीय जनता पार्टी जगदलपुर द्वारा आयोजित “पुण्य स्मरण” कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को शक्तिशाली एवं आत्मनिर्भर भारत का स्वप्नदृष्टा बताया। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर चलते हुए भारतवर्ष को परम वैभव के शिखर पर पहुँचाने का श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी का स्वप्न साकार होने लगा है। तत्कालीन सरकार की विघटनकारी कश्मीर नीति का विरोध करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले स्वतंत्र भारत के प्रथम बलिदानी का एक देश में 2 विधान, 2 प्रधान और 2 निशान नहीं चलेंगे – नहीं चलेंगे का स्वप्न माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने साकार कर दिखाया है। धारा 370 की समाप्ति और अपने दुश्मन देशों के प्रति लिए जा रहे कठोर निर्णयों में मुखर्जी जी की प्रेरणा साफ दिखाई देती है। आज श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की जयंती पर हम सब को उनके सभी सपनों को साकार करने का संकल्प लेना चाहिए।
भाजपा प्रदेश मंत्री किरण देव ने श्यामा प्रसाद जी के विराट व्यक्तित्व एवं उनकी संगठन क्षमता एवं राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना को अतुलनीय बताया। उन्होंने कहा कि सारी सुख सुविधाओं को त्याग कर अपना सर्वस्व भारतमाता के चरणों में समर्पित करने वाले महापुरुष के आदर्शों के कुछ अंश भी अपनाना हमारे लिए गर्व की बात है। देश के प्रति उनका समर्पण,योगदान एवं बलिदान हम सभी को हमेशा सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता रहेगा।
भाजपा नगर अध्यक्ष राजेन्द्र बाजपेयी ने कहा कि डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी यदी नहीं होते तो आज पूरा पश्चिम बंगाल और पंजाब पूर्वी पाकिस्तान का अंग होता। उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री रहते हुए “देश की प्रथम औद्योगिक नीति” के निर्माता थे। श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी व्यक्ति नही विचार थे। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की पूरी विचारधारा थे। व्यक्ति का अंत होता है लेकिन व्यक्ति के विचारों का अंत कभी नहीं होता है। और ऐसे महान प्रेरणा पुंज के आदर्शों को अपना कर संगठन में अपने अपने दायित्वों का निर्वहन ही श्यामाप्रसाद मुखर्जी जी के सपनों का भारत निर्माण की हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।
इस दौरान श्रीनिवास राव मद्दी, योगेन्द्र पाण्डेय, रूपसिंह मण्डावी एवं रामाश्रय सिंह भी मंचस्थ अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन आर्येन्द्र आर्य ने किया।
इस अवसर पर अश्विन सरडे, आलोक अवस्थी,आशुतोष पाल, संतोष त्रिपाठी, संग्राम सिंह राणा, दिगम्बर राव सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।