’’आमचो इंद्रावती-कठा लगाऊ बुटा’’ के अंतर्गत इंद्रावती नदी तट पर 82 हजार पौधों का किया जा रहा रोपण

फलदार पौधों को दी जा रही है प्राथमिकता

जगदलपुर। कलेक्टर रजत बंसल के मार्गदर्शन में बस्तर जिले के इन्द्रावती नदी तट वृक्षारोपण “आमचो इन्द्रावती- कठा लगाऊ बुटा” के अंतर्गत इन्द्रावती नदी तट पर 153.910 कि.मी लम्बाई तथा 400 मीटर की चौड़ाई कुल क्षेत्रफल 2135.92 हेक्टेयर भूमि में कुल 82000 पौधारोपण करने का लक्ष्य रखकर पौधारोपण का कार्य किया जा रहा है। जिसमें राजस्व, निजी तथा कुछ वन की भूमि शामिल है। उक्त भूमि पर लगाये जाने वाले में बरगद, पीपल, नीम, आम, कटहल, जामुन जैसे फलदार पौधों को शामिल किया गया है। निजी भूमि पर यथासंभव संबंधित किसान के पसंद अनुसार पौधे लगायें जायेंगे। जिला प्रशासन की मंशा है कि नदी तट वृक्षारोपण कार्य में व्यापक स्तर पर जन भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ ही स्थानीय ग्रामीणों में जुड़ाव महसूस कराने के उद्देश्य से इस वृक्षारोपण कार्यक्रम को “आमचो इन्द्रावती-कठा लगाऊ बुटा” नाम दिया गया है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री इंद्रजीत चन्द्रवाल ने बताया कि पौधारोपण हेतु भूमि के चिन्हांकन से लेकर पौधों का रोपण एवं सुरक्षा के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर एक क्रियान्वयन एवं सुरक्षा समिति बनाई गई है, जिसमें राजस्व, पंचायत एवं वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी को शामिल किया गया है, जिससे बेहतर विभागीय समन्वय सुनिश्चित हो सके। ग्राम पंचायत स्तर पर ही 8 व्यक्तियों, युवकों की दूसरी समिति बनाई गई है, जिसमें पढ़े-लिखे एवं इन्द्रावती तथा पर्यावरण के संरक्षण के प्रति जागरूक व्यक्तियों, युवकों को शामिल किया गया है, जो स्वप्रेरित होकर पौधारोपण एवं उसके सुरक्षा का कार्य करने के इच्छुक है। इसके साथ ही “इन्द्रावती बचाओ आन्दोलन” के सदस्यों की भी इसमें सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।

इसी प्रकार जनपद स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी (रा.) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, रेंज ऑफिसर का संयुक्त टीम बनाई गई तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी जोड़ा गया है। जिला स्तर पर मनरेगा, वन विभाग, उद्यान एवं कृषि विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाई गई है जिसमें सामाजिक कार्यकर्ताओं व इन्द्रावती बचाव आन्दोलन के कार्यकताओं को भी जोड़ा गया है। वृहद् रूप में किए जा रहे वृक्षारोपण हेतु पौधों की उपलब्धता वनमण्डलाधिकारी सुश्री स्टायलो मण्डावी के मार्गदर्शन में वन विभाग के नर्सरी के साथ-साथ उद्यानिकी विभाग के नर्सरी और जनपद पंचायत द्वारा महिला स्व-सहायता समूहों के द्वारा तैयार किए गए पौधों से किया जा रहा है।

पौधों की सुरक्षा के लिए आवश्कतानुसार फेंसिंग एवं बांस, पत्थर तथा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अन्य संसाधनों से ट्री-गार्ड की व्यवस्था भी की जा रही है। पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस अभियान में शामिल सभी विभागीय अधिकारी, कर्मचारी, समाजसेवी संगठनों, ग्रामीणों आदि को शपथ दिलाई जा रही है। लगाये जा रहे पौधों का जिला प्रशासन की तरफ से जिओ टैग “आमचो बस्तर भूमि एप” के माध्यम से किया जा रहा है, ताकि पौधों की गिनती आसानी से किया जा सके। साथ ही आम जनता को इस पुनीत कार्य में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर पर्यावरण के संरक्षण एवं इन्द्रावती नदी तट को हरा-भरा सुन्दर स्वरूप प्रदान करने में सहयोग करने की अपील की गई।

दिनेश के.जी. (संपादक)

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