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रायपुर। बस्तर टॉक के दूसरे सीजन में ‘पत्रकारिता और लेखन’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए लेखक व संचार विशेषज्ञ, एबीपी न्यूज़ के विशेष वरिष्ठ संवाददाता बृजेश राजपूत ने कहा वक्त के साथ सूचनाओं को कहने के तरीके में काफी बदलाव आया है। मीडिया अब सोशल मीडिया इस स्वरूप में समाहित होता जा रहा है। सोशल मीडिया से एक नई धारा को आधार मिला है। वर्तमान में हर कोई अपनी बातों को कहने को स्वतंत्र है। सबके पास सूचनाओं को व्यक्त करने का अधिकार है। यह हमारे लोकतंत्र के मजबूत के लिए महत्त्वपूर्ण है। देश के लोकतंत्र की जड़ें जनता ही होती है। जनता,राजनीतिक पार्टियों और नेताओं के बीच एक सेतु की भूमिका में हमेशा संचारकर्मी ही होते हैं।
अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि इन दो दशकों में राजनीतिक क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव आया है, जिसे उन्होंने अपने लेखन में पिरोने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि बस्तर के जीवन में जीवंतता है। यहां हर जगह किस्से व कहानियां है। यहां की संस्कृति में जीवन के सार्थक शब्द हैं।
उन्होंने कहा कि मोबाइल में कैमरा के आने से सूचनाओं को एक नया आधार मिला है। किसी भी जगह की बातों को कुछ पल पर ही जान सकते हैं। यह एक अभिव्यक्ति का नयापन है। जिसे जनमानस का व्यापक समर्थन भी मिल रहा है। उन्होंने युवा पीढ़ी से कहा कि मीडिया के क्षेत्र में कैरियर चाहते हैं तो पहले बेहतर समझ विकसित करें। इससे जुड़ी जानकारियां ले और अध्ययनशील हो।साथ ही शब्दों के संस्कारों को अच्छे से समझ कर इस क्षेत्र में आए क्योंकि आपके द्वारा दी गई सूचनाएं समाज के लिए प्रमाणित होगी। उन्होंने चुनाव,राजनीति और रिपोर्टिंग, ऑफ द स्क्रीन चुनाव है बदलाव का और वो 17 दिन नामक किताबें लिख चुके हैं। लेखक श्री राजपूत ने पत्रकारिता व इतिहास दोनों विषय में स्नातकोत्तर किया है। इसके साथ ही टीवी न्यूज़ चैनल के कंटेंट एनलीसिस पर पीएचडी भी हैं। उन्हें पॉलीटिकल रिपोर्टिंग के लिए देश की प्रतिष्ठित वर्ष 2017 का रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिस्म अवॉर्ड, दैनिक भास्कर सम्मान 2016, मुम्बई प्रेस क्लब का रेड इंक अवार्ड 2013 में व दिल्ली का मीडिया एक्सीलेंस अवार्ड 2012 में प्रदान किया है।