बीजापुर। जिले के महार समाज युवा संगठन ने भू-अभिलेखों में हुई मात्रात्मक त्रुटि के कारण अनुसूचित-जाति के प्रमाण पत्र न बनाए जाने के विरोध में गुरुवार को राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। संगठन के सदस्यों ने बताया कि विगत 15 से 20 वर्षों से जाति प्रमाण पत्र जारी न किए जाने के कारण समाज के युवाओं में शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है। मानवीय त्रुटि के कारण वर्षों से आरक्षण लाभ से वंचित हो रहे हैं। आरक्षित वर्ग के होते हुए भी अनारक्षित वर्ग का सहारा लेना पड़ रहा है। जिससे समाज के युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त नहीं हो रहे हैं। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
विदित हो कि पूर्व में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मात्रात्मक त्रुटियों को मान्य करते हुए आदेश जारी किया गया था, किन्तु माहरा समुदाय के लोगों के द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के होने का दावा करते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया गया।
महार-समाज के युवा सदस्यों ने मांग किया कि न्यायालय में लंबित प्रकरण का निराकरण होने में कई वर्ष लगेंगे जिससे समाज के युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। उन्होंने शासन प्रशासन से अपील की कि अनुसूचित जाति वर्ग के अनुसूची 33 में अंकित जाति महार का प्रमाण पत्र जारी किया जाये। जिससे समाज के लाखों परिवारों को आरक्षण का लाभ मिल सके साथ ही शिक्षा व रोजगार में समान अवसर प्राप्त हो।
बीजापुर कलेक्टर “रितेश अग्रवाल” ने इस संबंध मे समाज के युवाओं से कहा कि महार समुदाय जाति प्रकरण न्यायालय में लंबित है। समाज की समस्याओं को शासन को अवगत कराते हुए सकारात्मक पहल की जाएगी।
ज्ञापन सौंपने के दौरान विजय मोरला, के.जी. राजकुमार, केशव तोगर, रोशन झाड़ी, मनोज दुर्गम, शैलेश कुमार, देवेन्द्र बोरे, बापुराव दुर्गम, सोहन तोगर, सुरेन्द्र दुर्गम, थैलेश झाड़ी, सुशील दुर्गम, अशोक दुर्गम, महेश तोगर, आनंद बोर, ललित झाड़ी, लोहित झाड़ी, दुर्गेश, ओविंस, प्रवीण जुमार, नारायण, नवीन, महेश एवं अन्य युवा मौजूद रहे।