नई दिल्ली। भारत में कोविड-19 के मामलों के प्रबंधन की एक महत्वपूर्ण विशेषता ठीक होने वाले रोगियों की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी है। रोगी ज्यादा संख्या में ठीक हो रहे हैं और उन्हें अस्पतालों और घरेलू आइसोलेशन (हल्के और मध्यम मामलों में) से छुट्टी प्रदान की जा रही है। ये रिकवरी, देश भर में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ घरेलू आइसोलेशन के अंतर्गत आने वाले सकारात्मक मामलों की नियमित दैनिक निगरानी द्वारा “राष्ट्रीय मानक उपचार प्रोटोकॉल” का पालन करने के कारण प्राप्त हो रही है।
कोविड-19 से ठीक होने वाले रोगियों की संख्या आज 26 लाख से ज्यादा हो गई है। 26,48,998 रोगियों की रिकवरी, समग्र और रणनीतिक नीति के अंतर्गत त्वरित परीक्षण, व्यापक रूप से ट्रैकिंग और प्रभावी उपचार के साथ घरेलू आइसोलेशन और सुविधा केंद्रों में आइसोलेशन और अस्पतालों में पर्यवेक्षण के कारण संभव हो सकी है।
पिछले 24 घंटे में 65,050 रोगी ठीक हुए हैं। केंद्र सरकार द्वारा नियमित रूप से ऐसे राज्यों के साथ बातचीत की जा रही है जहां पर मृत्यु दर ज्यादा हैं। आईसीयू में काम करने के लिए कुशल डॉक्टरों पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। एम्स, नई दिल्ली प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को अपने टेली कंसल्टेशन सत्रों के माध्यम राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशो के डॉक्टरों की नैदानिक उपचार क्षमताओं व कौशल निर्माण का कार्य कर रहा है। कम समय में बेहतर एम्बुलेंस सेवाओं को सुनिश्चित करने के साथ, देखभाल मानकों पर ध्यान दिया जा रहा है और नॉन-इन्वेसिव ऑक्सीजन, स्टेरॉयड और एंटी-कोगुलेंट्स का उपयोग किया जा रहा है, जिसके कारण ठीक होने की दर अब बढ़कर 76.47 प्रतिशत हो चुकी है। इसके परिणामस्वरूप, वैश्विक औसत की तुलना में भारत में कोविड के मामलों में मृत्यु दर (सीएफआर) भी कम रही हैं। इसमें लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है और वर्तमान में यह 1.81 प्रतिशत है।
भारत में ठीक होने की दर लगातार ऊपर की ओर बढ़ रही है जबकि मृत्यु दर में लगातार कमी देखी जा रही
देश में वास्तविक केस लोड यानी सक्रिय मामलों (752,424) की संख्या हैं, जो कुल सकारात्मक मामलों का केवल 21.72 प्रतिशत है। वे सभी सक्रिय चिकित्सा पर्यवेक्षण के अधीन हैं। ठीक होने की दर में लगातार और निरंतर वृद्धि होने के साथ, कोविड-19 से ठीक हुए रोगियों और सक्रिय मामलों के बीच का अंतर बढ़कर लगभग 19 लाख तक पहुंच चुका है।