केंद्रीय मंत्री ने 777 करोड़ रुपये लागत की सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, सड़क नेटवर्क कनेक्टिविटी परियोजनाओं के कारण करीब दो साल में गढ़चिरौली का पूरा चेहरा बदल जाएगा – केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

जनरल वी.के.सिंह ने कहा, इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की वजह से अतिवाद में कमी आ रही है

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज वीडियो लिंक के जरिए महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में तीन महत्वपूर्ण पुलों और दो सड़क सुधार परियोजनाओं का उद्घाटन किया। मंत्री महोदय ने वैनगंगा, बांडिया, पर्लकोटा और पेरमिली नदियों पर चार अन्य प्रमुख पुल परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया। गढ़चिरौली जिले के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए गतिशीलता में सुधार लाने हेतु इन परियोजनाओं को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, वे इस प्रकार हैं:

  • 168 करोड़ रुपये की लागत से निजामाबाद – जगदलपुर रोड (एनएच 63) पर प्राणहिता नदी पर 855 मीटर का प्रमुख पुल
  • 248 करोड़ रुपये की लागत से निजामाबाद – जगदलपुर रोड (एनएच 63) पर पातागुडम के पास इंद्रावती नदी पर 630 मीटर ऊंचा पुल
  • बेजुरपल्ली – अहेरी रोड पर लंकाचेन के पास 30 मीटर ऊंचा पुल
  • वातरा और मोयाबीनपेटा के बीच बेजुरपल्ली-अहेरी रोड (एसएच 275) का सुधार
  • गरंजी – पुस्टोला रोड का सुधार

इस अवसर पर बोलते हुए श्री नितिन गडकरी ने कहा कि इन प्रमुख पुलों के निर्माण के साथ महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़-तेलंगाना में राष्ट्रीय राजमार्ग संपर्क अब पूरा हो गया है। उन्होंने कहा, “ये एक ऐसा सपना है जो लगभग 25 वर्षों के बाद सच हो गया है, इसकी कल्पना तब की गई थी जब मैं महाराष्ट्र में एक मंत्री था।”

श्री गडकरी ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान गढ़चिरौली जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 54 किलोमीटर से बढ़कर 647 किलोमीटर हो गई है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गढ़चिरौली जिले के लिए 1,740 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 541 किलोमीटर लंबाई की 44 सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

मंत्री महोदय ने टिप्पणी की कि, “गढ़चिरौली जैसे नक्सल प्रभावित जिलों के दूर-दराज के इलाकों में हर-मौसम का सड़क नेटवर्क इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में सुधार करेगा और आगामी दो वर्षों में गढ़चिरौली जिले में एक सर्वांगीण परिवर्तन दिखाई देगा।”

मंत्री महोदय ने नक्सलियों के डर के बावजूद गढ़चिरौली में पुलों का निर्माण पूरा करने वाले इंजीनियरों और ठेकेदारों की तहेदिल से तारीफ की। उन्होंने बताया कि इंद्रावती नदी पर पुल का निर्माण बहुत ही मुश्किल और युद्ध जैसी परिस्थितियों के बीच पूरा हुआ था। इस पुल के निर्माण में मदद के लिए वहां एक पुलिस स्टेशन स्थापित करना पड़ा था।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जिले की वैनगंगा, बांडिया, पर्लकोटा और पेरमिली नदियों पर 4 प्रमुख पुलों का भी शिलान्यास किया। इन नदियों में मौजूदा पुल बहुत संकरे हैं और अक्सर मानसून के दौरान जलमग्न हो जाते हैं। वैनगंगा नदी पर लगभग 825 मीटर का पुल गढ़चिरौली और चंद्रपुर जिले के बीच संपर्क में सुधार करेगा। मंत्री महोदय ने एनएचएआई के अधिकारियों से ये भी कहा कि प्रमुख पुलों के निर्माण कार्यों के दौरान बची 50 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग 14 छोटे पुलों का निर्माण करने के लिए किया जाए और गढ़चिरौली जिलों के दुर्गम क्षेत्रों में निर्बाध परिवहन सुनिश्चित किया जाए।

श्री गडकरी ने इस साल अलापल्ली – बामरागढ़ के बीच 35 किमी सड़क विकास को मंजूरी देने का वादा किया और शेष 65 किलोमीटर को अगले वित्तीय वर्ष में। मंत्री महोदय ने ब्रॉड गेज मेट्रो कनेक्टिविटी योजना के तहत देसाईगंज – ब्रह्मपुरी को नागपुर के साथ जोड़ने के लिए राज्य सरकार की अनुमति भी मांगी, जिससे यात्रा का समय वर्तमान ढाई घंटे से कम होकर 75 मिनट रह जाएगा।

एमएसएमई मंत्री के तौर पर पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए अपने विजन के बारे में बोलते हुए श्री गडकरी ने कहा कि यहां बांस काफी मात्रा में उपलब्ध हैं, ऐसे में गढ़चिरौली अगरबत्ती निर्माण का केंद्र बन सकता हैजिसका आयात अब रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि यहां 100 इकाइयां स्थापित करने की गुंजाइश है जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि वे जैव-ईंधन विकास कार्यक्रम के तहत गढ़चिरौली में चावल से इथेनॉल बनाने की परियोजना शुरू कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “इससे चावल उत्पादकों को अधिक मूल्य प्रदान होगा और रोजगार भी पैदा होगा।” श्री गडकरी ने राज्य के लोक निर्माण कार्य मंत्री श्री एकनाथ शिंदे से गढ़चिरौली में 10,000 युवाओं को रोजगार देने के लक्ष्य के साथ रोजगार सृजन के विभिन्न मार्ग तलाशने का अनुरोध किया।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल वी. के. सिंह ने इस क्षेत्र में विकास सड़क परियोजनाओं के पूरा होने की सराहना की और कहा कि वामपंथी अतिवाद (एलडब्ल्यूई) वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को मुख्यधारा में लाने के मामले में ये कदम लंबी दूरी तय करेंगे। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में ज्यादा से ज्यादा बुनियादी ढांचा परियोजनाएं आ रही हैं, उससे अतिवाद लगातार नीचे आ रहा है।

महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री श्री अशोक चव्हाण ने कहा कि गढ़चिरौली में सड़क विकास से औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और लोगों के जीवन स्तर के उत्थान में मदद मिलेगी। इसके अलावा कानून और व्यवस्था के रखरखाव में भी मदद मिलेगी। गढ़चिरौली-चिमूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के सांसद श्री अशोक नेते, अन्य जनप्रतिनिधि और केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

वैनगंगा पुल परियोजना

गढ़चिरौली और चंद्रपुर जिलों को विभाजित करने वाली वैनगंगा, महाराष्ट्र राज्य की महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। वैनगंगा पर स्थित पुल की वर्तमान स्थिति के कारण यात्रियों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बल्लारपुर, कोठारी, गोंडपिम्परी और आष्टी जैसे आदिवासी बहुल इलाकों में रहने वाले लोगों को रोजगार के अवसरों, कृषि उत्पादों के आयात और निर्यात, बाजार तक पहुंच, चिकित्सा सुविधाओं और परिवहन को लेकर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां के लोगों की कठिनाइयों को खत्म करने के लिए केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग 353 बी के साथ वैनगंगा नदी पर 99 करोड़ रुपये की कुल लागत से पुल निर्मित करने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना का प्रस्ताव दिया है जिसे एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी द्वारा पूरा किया जाना है। ये प्रस्तावित पुल गढ़चिरौली और चंद्रपुर जिलों के छोटे गांवों में समृद्धि लेकर आएगा।

दिनेश के.जी. (संपादक)

सिर्फ खबरें लगाना हमारा मक़सद नहीं, कोशिश रहती है कि पाठकों के सरोकार की खबरें न छूटें..

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