कोविड जाँच स्थल में पर्याप्त सुरक्षा, सेल्फ़ होम आइसोलेशन प्रकिया का सरलीकरण, अंतिम संस्कार के लिए सर्व-समाज की बैठक बुलाकर बनें आम राय, कोविड अस्पताल व क्वारेंटाइन सेंटर्स की व्यवस्था सुधारे सरकार – केदार

जगदलपुर। पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने बस्तर में व्याप्त कोरोना संक्रमण के उपचार हेतु शासन-प्रशासन की लचर व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि बस्तर संभाग में लगातार कोरोना के मरीज़ बढ़ रहे हैं। जगदलपुर शहर के कई परिवार पूरा का पूरा संक्रमण के दायरे में है। कोरोना से लगातार मौत की भी ख़बरें आ रही हैं। मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की रिपोर्ट भी धनात्मक पाई जा रही है। लोग भयाक्रान्त है तथा कोविड अस्पताल एवं क्वारेंटाइन सेंटरों की व्यवस्था से नाराज़ हैं। लगातार शिकायतें मिलने के पश्चात भी समस्याएं जस की तस बनी हुई है। मरीज़ों को मिलने वाला भोजन की गुणवत्ता निम्न स्तरीय है। कोरोना पेशेंट को अपने पीने हेतु गर्म पानी की व्यवस्था स्वयं से करनी होती है। नहाने के लिए मिलने वाला ठंडा पानी तथा ठंडी चाय की जगह गर्म चाय-पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। शौचालयों की स्थिति बदबूदार है, वहाँ की सफ़ाई की व्यवस्था चिंतनीय है।वार्डों में तथा क्वारंटाइन सेंटरों में मरीजों को स्वयं झाड़ू लगाना पड़ रहा है। मरीज़ों के लिए दोनों समय चाय नाश्ते की भी उचित व्यवस्था प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही है।

उन्होने कहा कि कोविड टेस्ट हेतु मेडिकल कॉलेज तथा महारानी अस्पताल में व्यवस्था तो की गई है,परंतु वह बेहद ख़तरनाक है।लोगों का कहना है कि सुरक्षा के पर्याप्त साधन नहीं होने के कारण चेक कराने वाले को भी संक्रमण का ख़तरा है। उनके उठने बैठने एवं पंक्ति बनाकर खड़े रहने वाले स्थान ठीक से सेनेटाइज नहीं किए जाते हैं। जिस कारण से कोरोना टेस्ट कराने से लोग घबरा रहे हैं तथापि टेस्टिंग की गति भी बहुत सुस्त है। विगत दिनों देखा गया है कि कोरोना पाजिटिव सीनियर चिकित्सक के संपर्क में रहे दो चिकित्सक जो कि क्वारंटाइन किए गए थे, उन्हें आनन-फ़ानन में कोरंटाईन पीरियड में ही काम में लगा दिया गया, जिसके फलस्वरूप एक अन्य चिकित्सक धनात्मक हो गए। यह लापरवाही का अत्यंत गंभीर उदाहरण है। आम जनता को कोरोना के अतिरिक्त, प्रबंधन की लापरवाही से भी दो चार होना पड़ रहा है। साथ ही जो लोग संक्रमित पाए गए हैं उनके RTPCR टेस्ट की रिपोर्ट तीन से चार दिनों में आती है, रिपोर्टआने के पूर्व ही डिस्चार्ज होने की ख़बरें आ रही हैं। यह बेहद ख़तरनाक स्थिति है।

श्री केदार ने कहा कि सामान्य कोरोना पेशेंट को सुविधा संपन्न होने पर अपने ही घर में आइसोलेट होकर इलाज कराने का अधिकार दिया गया है। इसके बावजूद होम आइसोलेट होने आम आदमी जानकारी के अभाव में भटक रहा है। जिन लोगों की राजनीतिक या सामाजिक पहुँच है, वे तो प्रशासनिक अधिकाारियों से बात कर आईसोलेट होकर इलाज करवा रहे हैं परंतु आम व्यक्ति सुविधा संपन्न होकर भी कोविड अस्पताल में असुरक्षा के बीच अपना इलाज कराने मजबूर है। इस संबंध में इस प्रक्रिया को सकारात्मक दिशा में सरलीकरण कर वार्ड प्रभारियों तथा आरोग्य समिति, मितानिनों को अधिकार संपन्न बनाना चाहिए, जिससे इसका लाभ सर्वजन को हो सके।

साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना से मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए भी काफ़ी असमंजस का वातावरण निर्मित हुआ है। मृतक को जलाने तथा दफ़नाने एवं उसकी अंत्येष्टि क्रियाओं के संबंध में तत्काल सर्व समाज की बैठक बुलाकर एक आम राय बनाना आवश्यक है। मृतक के अंतिम संस्कार हेतु एक अलग से भूमि का चयन, बस्ती से अलग स्थान पर करना चाहिए। लोग भयभीत व असुरक्षित हैं अतः शासन-प्रशासन को शीघ्र संज्ञान लेकर लोगों की भावनाओं एवं सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए उचित क़दम तत्काल उठाने चाहिये।

दिनेश के.जी. (संपादक)

सिर्फ खबरें लगाना हमारा मक़सद नहीं, कोशिश रहती है कि पाठकों के सरोकार की खबरें न छूटें..

Spread the love

By दिनेश के.जी. (संपादक)

सिर्फ खबरें लगाना हमारा मक़सद नहीं, कोशिश रहती है कि पाठकों के सरोकार की खबरें न छूटें..

You missed

error: Content is protected !!