जगदलपुर। पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने प्रदेश सरकार के विरोध में बयान जारी करते हुए कहा है कि भूपेश सरकार आदिवासियों की ज़मीन ग़ैर आदिवासियों को बेचने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा आदिवासियों के दम पर बनी यह सरकार अब आदिवासियों को उनके ज़मीन से वंचित कर, उनका दम घोंटने का भयानक षड्यंत्र कर रही है। विदित हो कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ राज्य जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक पिछले दिनों की गई थी, जहाँ आदिवासियों की भूमि अंतरण के संबंध में नियमों में संशोधन करने के लिए परिषद की उप समिति का गठन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में किया गया। यह उप समिति आदिवासियों की ज़मीन ग़ैर आदिवासियों को बेचने के लिए नियमों का परीक्षण कर, उसमें संशोधन किए जाने के प्रस्ताव के संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
पूर्व मंत्री ने कहा है कि भाजपा सरकार में “सरकारी कार्य” हेतु आदिवासियों की ज़मीन उनकी सहमति के साथ लेने का प्रस्ताव लाया गया था। कांग्रेसियों ने झूठ बोलकर लोगों को गुमराह कर ख़ूब घड़ियाली आँसू बहाए थे, ख़ूब हो हल्ला मचाया था। अब कांग्रेसी सरकार क्यों भू-राजस्व के नियमों में संशोधन कर आदिवासियों की ज़मीन ग़ैर आदिवासियों को बेचने की असंवैधानिक सहमति प्रदान करने की कोशिश कर रही है। अब कांग्रेस अपना दोहरा चरित्र दिखा रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित इसमें सभी नामी चेहरे शामिल किए गए हैं। इन लोगों ने बैठक में इस उप समिति गठन की आवश्यकता एवं इसमें ऐसे प्रस्ताव का विरोध क्यों नहीं किया? श्री केदार ने वोट के लिए आदिवासियों के हित की राजनीति का दिखावा और सरकार बनने के पश्चात आदिवासी विरोधी यह सरकार यदि नियमों में बदलाव करेगी तो कांग्रेस इसका भारी विरोध झेलने भी तैयार रहे।