यूं ही बे-सबब न फिरा करो, कोई शाम घर पे रहा करो।             ये नए मिजा़ज का शहर है, ज़रा फासले से मिला करो।।

कोरोना से बचने का आसान उपाय, दो गज़ की दूरी रखें।

यूं ही बे-सबब न फिरा करो, कोई शाम घर पे रहा करो।

ये नए मिजा़ज का शहर है, ज़रा फासले से मिला करो।

हम सबके चहेते शायर “बशीर बद्र” की यह ग़ज़ल कितनी सटीक है, आज के इस कोरोना के दौर में। कोरोना वायरस से खुद को संक्रमित होने से बचाने के अधिकांश उपाय सामान्य और सरल हैं और हम सबको मालूम भी हैं, बशर्तें हम इसे अपनाएं। दूसरों से कम से कम दो गज़ की दूरी से मिलें, हाथ न मिलाएं, अनावश्यक बाहर न निकलें, निकलें तो मुंह और नाक को अच्छे से ढंक कर ही ,भीड़ से बचें, साबुन/सैनेटाइजर से हाथ धोते रहें।

यह कहा जाता है कि किसी भी आदत को अपनाने के लिए लगभग तीन हफ्ते लगते हैं। अब तो 6 माह हो गए। अगर अभी भी हम न चेते तो चेतना शून्य हो जाएंगे एक दिन। वैज्ञानिक भी यह कह रहे हैं कि मास्क लगाने और भीड़ में न जाकर हम अपने आपको कोरोना वायरस से बचा सकतें हैं। हमारी जिंदगी हमारे ही हाथ है।

वैसे भी
           “भीड़ में सब लोग अच्छे नहीं होते और अच्छे लोगों की भीड़ नहीं होती..!!”
कोरोना वाइरस से समझदारी से बचें और अपनों को भी बचाएं।

दिनेश के.जी. (संपादक)

सिर्फ खबरें लगाना हमारा मक़सद नहीं, कोशिश रहती है कि पाठकों के सरोकार की खबरें न छूटें..

Dinesh KG
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