जगदलपुर एयरपोर्ट की समस्याओं को लेकर पूर्व विधायक बाफना ने लिखा केन्द्रीय नागर विमानन मंत्रालय को पत्र

जगदलपुर। विमानतल से संबंधित मामलों पर केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखकर जगदलपुर विधानसभा के पूर्व विधायक संतोष बाफना जी ने ध्यानाकर्षित कराने का प्रयास किया है। पूर्व विधायक बाफना जगदलपुर विमानतल से संबंधित मामलों को जनहित से जोड़कर अतिमहत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि जगदलपुर विमानतल की विज़िबिलिटी 5000 मीटर तक एवं लैंडिंग सिस्टम की क्षमता बढ़ाने के लिए उच्च तकनीकि एवं बेहतर खूबियों वाले सिस्टम को इंस्टाॅल करने की आवश्यकता है। क्योंकि अभी वर्तमान में जो उपकरण लगे हुए हैं वो काफी पुराने है जिस कारण खराब मौसम व कोहरे की वजह से विमानतल की विज़िबिलिटी काफी कम हो जाती है। अभी एलायंस एयर का इकलौता विमान जगदलपुर से रायपुर व हैदराबाद तक अपनी सेवाएं दे रहा है उसे कई बार डायवर्ट तक करने की नौबत आ जाती है या फिर ऐसी स्थिति में विमान को सही समय पर ग्राउंड क्लियरेंस नहीं मिलने के कारण विमान हवा में चक्कर काटते रहता है। विमान सेवा का जब पुनः शुभारंभ किया जा रहा था तो उस दिन भी खराब मौसम के चलते यही स्थिति निर्मित हुई थी। यदि विमानतल के पुराने उपकरणों की जगह अपग्रेडेड सिस्टम डाॅप्लर वेरी हाई फ्रीक्वेंसी ओमनी रेंज (DVOR) और डिस्टेंस मेजरिंग इक्विपमेंट (DME) को बदल दिये जायें तो इससे एयरपोर्ट पर सभी परिस्थितियों में फ्लाइट का संचालन सहज तरीके से संभव हो सकेगा।

केन्द्रीय नागर विमानन मंत्रालय ने जगदलपुर विमानतल से ATR 72-600 (70/72) सीटर जैसे बड़े विमान को संचालित करने में आ रही तकनीकि दिक्कतों को दूर करके विमानतल को ‘‘2 बी’’ श्रेणी से ‘‘3 सी’’ श्रेणी शामिल किया । और वर्तमान में अभी 72 सीटर विमान संचालित है। बस्तर संभाग के कांकेर, कोण्डागाॅव, नारायणपुर, बस्तर (जगदलपुर), दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर जिले के अलावा उड़ीसा राज्य के सीमावर्ती जिले मल्कानगिरि, कोरापुट, नबरंगपुर, भवानीपटना, रायगढ़, नौपाड़ा की जनता भी यातायात सुविधाओं के लिए जगदलपुर पर ही निर्भर हैं वहाॅ की जनता भी जगदलपुर से रायपुर व हैदराबाद तक हवाई यात्रा सुविधा का लाभ ले रहें हैं। ऐसे में जगदलपुर विमानतल से विमान की संख्या में ईजाफा करना महत्वपूर्ण हो जाता है। इसके अलावा बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर के समीप नगरनार में एनएमडीसी का तीन मिलियन टन क्षमता का इस्पात संयंत्र लगभग पूर्णता की ओर अग्रसर है। यदि जगदलपुर विमानतल से विमान की संख्या में ईजाफा होगा तो निश्चित तौर पर देश के बड़े काॅर्पोरेट घरानों और निवेशक समूहों को आकर्षित किया जा सकता है। जिसका सीधा लाभ बस्तर की जनता को भी होगा।

पत्र के अंत में श्री बाफना ने केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री से आग्रह किया है कि, यदि आप संबंधित मामलें में संवेदनशीलतापूर्वक विचार करें तो बस्तर संभाग के एकमात्र विमानतल को और भी बेहतर स्थिति में लाया जा सकता है एवं आपके द्वारा इस दिशा में की गई एक पहल समूचे बस्तर के भविष्य को संवार सकती है।

दिनेश के.जी. (संपादक)

सिर्फ खबरें लगाना हमारा मक़सद नहीं, कोशिश रहती है कि पाठकों के सरोकार की खबरें न छूटें..

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