जगदलपुर। वैश्विक महामारी कोरोना की त्रासदी दुनिया झेल रही है। बावजूद इसके वैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया में भ्रामक अफवाहें फैलती रहीं है। जिसकी वजह से टीकाकरण में भारी कमी देखने में आई। वहीं बस्तर संवेदनशील क्षेत्र होने की वजह से स्वास्थ्य महकमा भी फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रहा है। इसी बीच रविवार को नगरपालिका बीजापुर के द्वारा ‘टीकाकरण के बदले 02 किलो टमाटर ले जाओ’ के साथ वैक्सीनेशन को बढ़ाने का सराहनीय प्रयास किया गया। इस तारतम्य में बैदरगुड़ा टीकाकरण शिविर में 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीकाकरण के बदले 02 किलो टमाटर दिए गए।
- आखिर कैसे हुआ प्रेरणा रूपी टमाटरों का इंतज़ाम
ज्ञात हो कि लॉकडाउन के बाद व्यापारिक प्रतिष्ठाने पूरी तरह से बंद हैं। व्यापारियों पर लॉकडाउन का प्रतिकूल असर भी पड़ा है। रोजमर्रा की साग-सब्जी बेचने वाले व्यापारी भी बिक्री के अभाव में नुकसान का दंश झेल रहे हैं। ऐसे ही बीजापुर के एक व्यापारी ‘अशोक जायसवाल’ ने व्यर्थ में टमाटर खराब होने के डर से नगरपालिका के अधिकारियों को सारे टमाटर दान कर दिये। जिसे नगरपालिका के पदाधिकारियों ने ‘टीके के बदले टमाटर’ का नारा देते हुए लोगों को बांटने में लगा दिया।
- अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में टीकाकरण बनी चुनौती
बस्तर संभाग के संवेदनशील, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अनुपात से कम टीकाकरण हुआ है। सुदूर पहुंचविहीन इलाकों और नक्सलियों के डर से स्वास्थ्यकर्मी अंदरूनी गांवों में जाने से कतरा रहे हैं। जिसकी वजह टीकाकरण का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है। टीकाकरण कम होने से कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका स्वास्थ्य अधिकारी लगा रहे हैं। यही वजह है कि प्रशासन टीकाकरण बढ़ाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने तरह-तरह के उपाय अपना रही है।