अधिवक्ताओं के प्रति कोई दुर्भावना नहीं, अधिवक्ता संघ को पत्र लिखकर चपका संघर्ष समिति ने कहा: न्याय व्यवस्था में हमारा विश्वास

Ro. No. :- 13171/10

जगदलपुर। चपका में हुए पर्यावरण जनसुनवाई के दौरान हुई कथित घटना पर संघर्ष समिति के द्वारा अधिवक्ता संघ को पत्र लिखकर न्याय दिलाने मदद की गुहार लगाई है। ज्ञात हो विवाद के दौरान कथित रूप से अधिवक्ता नितिन जैन ने घटना में हमला हुआ बताकर ग्रामवासियों पर एफआईआर दर्ज करवाई है। जिस पर संघर्ष समिति ने पत्र लिखकर कहा है कि पर्यावरण जनसुनवाई के दौरान स्टील प्लांट प्रभावित क्षेत्र के ग्रामवासी उपस्थित होकर स्टील प्लांट के पक्ष एवं विपक्ष में अपना विचार रखने के समय स्टील प्लांट वालों द्वारा अथवा प्रशासन द्वारा किये जाने वाली बड़ी-बड़ी घोषणा नितिन जैन द्वारा किया गया। घोषणा करते हुये स्टील प्लांट एक करोड़ रुपये दे सकने सम्बधी स्वास्थ्य, नौकरी जैसे कई घोषणा कर व्यक्तिगत आश्वासन देने लगा, जो कि क्षेत्रीय विधायक, प्रशासन, या प्लांट का अधिकृत व्यक्ति ही कर सकता है, वह मंच में बात रख ग्रामीणों के बीच पहुंच पंच सरपंच को पैसों का लालच देने लगा। तब ग्रामीण यह जानने उत्सुक थे कि वह किस अधिकार से चर्चा कर रहा है, क्या उसका कोई जमीन प्लांट से प्रभावित हो रहा है ? क्या वह जनप्रतिनिधि है या प्रसाशनिक अधिकृत व्यक्ति है?
वह बिना किसी प्राधिकार के लोगों को गुमराह कर रहा था जिससे ग्रामीण भड़क गए और ग्रामीण सवाल पूछने पर जवाब देने के बजाय ग्रामीणों की जातिसूचक व अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए गाली गलौज करने लगा जिससे भीड़ आक्रोशित होकर कथित घटना घटी, लेकिन उसमे भी नितिन जैन राजनीतिक द्वेष वश निर्दोष लोग जिन्होंने कुछ भी नही किया, उन पर रिपोर्ट दर्ज करवाया गया है। संघर्ष समिति ने उक्त बातें पत्र में लिखते हुए न्याय व्यवस्था पर आस्था जताते हुये घटना को अधिवक्ता की व्यक्तिगत कृत्य का परिणाम बताया व कहा कि इस घटना का अधिवक्ता संघ से जोड़कर देखना न्यायसंगत नहीं है। आदिवासी समाज व संघर्ष समिति अधिवक्ता संघ का पूरा सम्मान करते हैं। अधिवक्ता संघ से विधिसम्मत न्याय दिलाने में सहयोग प्रदान करने की अपील संघर्ष समिति ने की है।

देखें पत्र…

दिनेश के.जी. (संपादक)

सिर्फ खबरें लगाना हमारा मक़सद नहीं, कोशिश रहती है कि पाठकों के सरोकार की खबरें न छूटें..
Back to top button
error: Content is protected !!