बीजापुर। जिले के दुरस्त गाँव ‘ईलमिडी’ में रातों को सड़कों पर अंधेरा पसरा रहता है। वजह है यहां क्रेडा विभाग द्वारा मुख्य सड़क के किनारे हॉस्पिटल कैम्पस में स्ट्रीट लाइट लगाई गयी थी, लेकिन डेढ़ साल बाद भी स्ट्रीट लाइट ग्रामीणों के कोई काम नहीं आ रही है। करीब 03 हजार से ज्यादा की आबादी और दर्जनों गांवों के मरीजों के लिए एकमात्र हॉस्पिटल के पास लगी स्ट्रीट लाइट बंद रहती है। जिससे हॉस्पिटल पहुंचने वाले मरीजों को मिलने वाली राहत और मदद नहीं मिल रही है। क्रेडा विभाग, कलेक्टर और विधायक को भी ग्रामीणों ने इस समस्या से अवगत कराया था लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। क्षेत्र के ग्रामीण और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी देर रात सड़क पर निकलने से डरने लगे हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि ठेकेदार और विभाग नक्सल इलाकों में कैसे उपकरण और कैसी देख-रेख करते होंगे और कागजों में विकास को दिखाकर अपनी पीठ थपथपाते हैं।
ईलमिडी हॉस्पिटल और सड़क किनारे लगे स्ट्रीट लाइट की बदहाली को लेकर स्वास्थ्य महकमा भी चिंतित है। यहां आयुष विभाव में पदस्थ सुब्रत बेहरा बताते हैं कि इस समस्या को लेकर अपने उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई है कि मरीजों को समस्या होती है, जल्दी निराकरण करवाना आवश्यक है।
स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि आसपास के दर्जनभर से ज्यादा गांवों के लोगों के लिए ईलमिडी हॉस्पिटल ही सहारा है। यहां आवापल्ली से होते मद्देड तक सड़क पर आवाजाही भी जारी रहती है। देर रात अंधेरा होने से असुविधा और डर का माहौल बना रहता है। दौरे में पहुँचे विधायक विक्रम शाह मण्डावी और बीजापुर कलेक्टर रितेश अग्रवाल को समस्या से अवगत कराया जा चुका है। क्रेडा विभाग ने करीब 06 महीने पहले रिपेयरिंग किया था लेकिन हालात जस की तस बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ स्ट्रीट लाइट का खंबा लगाने का काम सेमलडोड्डी सड़क पर विभाग ने शुरू कर दिया है। विचारणीय है कि क्या यह नवीन कार्य भी सफल हो पायेगा यह भी सरकारी अनदेखी की भेंट चढ़कर कबाड़ में तबदील होगी?