दंतेवाड़ा। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री नंदलाल मुडामी ने कहा कि सरकार दिन रात काम करने वाले प्रदेश के शिक्षकों के साथ भेदभाव कर रही है। कोरोना के वैश्विक महामारी में शिक्षकों की भूमिका सदैव अग्रणी रही है। शिक्षकों के काम को देखते हुए सरकार शिक्षकों को भी अतिशीघ्र कोरोना वॉरियर्स घोषित करे।
उन्होंने कहा कि सरकार हर जोखिम भरा कार्य शिक्षकों से ले रही है। वर्तमान में शिक्षक चेकपोस्टों ,अस्पतालों, कोविड सेंटरों, कोरोनटाईन सेंटरों, सेम्पलिंग, एवं अन्य जोखिम भरे स्थानों में लगातार सेवाएं दे रहे हैं। सेवायें देते हुए कई शिक्षक संक्रमित हो जाते हैं, साथ ही उनका पूरा परिवार भी संक्रमण का खतरा बना रहता है।
उन्होंने ने कहा कि अभी हाल ही में संक्रमण के चलते बस्तर जिले के बास्तानार ब्लाक में एक शिक्षक का परिवार उजड़ गया, उनके दो मासूम बच्चे बहुत छोटी उम्र में अनाथ हो गये। इसी तरह लगातार दिव्यांग कर्मचारियों की ड्यूटी इस संक्रमण काल में लगाई जा रही है, जो कहीं से उचित नहीं है।
इस कोरोना काल में अपनी सेवाएं देते हुये राज्यभर से कोरोना की चपेट में आने से लगभग 400 से अधिक शिक्षकों की अकाल मृत्यु हो चुकी है। कइयों का परिवार अनाथ और बेसहारा हो गया है।
लेकिन सरकार आज तक इन पीड़ित परिवारों की सहायता के लिये कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है।
उन्होंने ने सरकार से मांग की है कि शिक्षकों की सेवा लेते हुए किसी प्रकार की अनहोनी होने पर सरकार, परिवार को सहायता देने के उद्देश्य से शिक्षकों को बिना देर किए तत्काल कोरोना वॉरियर्स घोषित करे और 50 लाख का बीमा कवर और परिवार पेंशन लागू करे और दिवंगत परिवारों को जल्द अनुकम्पा में नियुक्ति दे।