‘विश्व आदिवासी दिवस’ पर मिली कोया कुटमा भवन की सौगात, प्रभारी मंत्री ‘कवासी लखमा’ के हाथों हितग्राहियों को मिला वन अधिकार पत्र

जगदलपुर। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आज बस्तर जिला के आदिवासियों को कोया कुटमा भवन की सौगात मिली। प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने जगदलपुर के पास परपा में 40 लाख रुपए की लागत से नवनिर्मित कोया कुटमा भवन का लोकार्पण किया। यह भवन आदिवासी समाज द्वारा सामाजिक कार्यों के लिए किया जाएगा। मंत्री कवासी लखमा के साथ इस अवसर पर बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम, क्रेडा अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एमआर निषाद, जगदलपुर महापौर श्रीमती सफीरा साहू, नगर निगम अध्यक्ष श्रीमती कविता साहू, कमिश्नर जीआर चुरेन्द्र, आईजी पी सुंदरराज, कलेक्टर रजत बंसल, पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र मीणा, वन मंडलाधिकारी स्टायलो मंडावी, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी ऋचा प्रकाश चौधरी सहित जनप्रतिनिधि एवं समाज के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन के आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा जगदलपुर के पास धुरगुड़ा में संचालित प्रयास आवासीय विद्यालय में अध्ययन के बाद उच्च शिक्षण संस्थाओं में अध्ययन कर रहे होनहार विद्यार्थियों को लैपटाॅप के लिए 50-50 हजार रुपए दिए गए। इनमें आईआईटी धनबाद में अध्ययन कर रही चंचल रावटे, आईआईटी खड़कपुर में अध्ययन कर रहे डीकेश नेताम और एनआईटी रायपुर में अध्ययन कर रहे उमेश कुमार ध्रुव व छत्रपाल वर्मा शामिल हैं। इसके साथ ही यहां अतिथियों द्वारा यहां 182 हितग्राहियों को व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, 69 सामुदायिक वन संसाधन पत्र भी वितरित किया गया। इनमें नगर पंचायत बस्तर में पहली बार तीन हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र प्रदाय किया गया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से वर्चुअल माध्यम से जुड़े जनप्रतिनिधियों और समाज के पदाधिकारियों ने विश्व आदिवासी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा ने कहा कि आपकी घोषणा पर अमल करते हुए आदिवासी समाज को यह कोया-कुटमा भवन की सौगात दे दी गई है। उन्होंने कहा कि आदिवासी बाहुल्य इस अंचल में आदिवासी दिवस पर अवकाश की मांग लंबे समय से की जा रही थी, जिसे आपके नेतृत्व की सरकार ने तुंरत स्वीकार कर लिया। इसके लिए आदिवासी समाज द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के प्रति आभार जताया गया है। उन्होंने कहा कि बस्तर में शांति और विकास के लिए आपके द्वारा किए जा रहे प्रयास रंग ला रहे हैं। जगरगुण्डा जैसे धूर संवेदनशील क्षेत्रों में वर्षों से बंद पड़ी स्कूलों में अब पढ़ाई फिर से प्रारंभ हो चुकी है। अंदरुनी क्षेत्रों में अस्पताल फिर से खुल रहे हैं और वहां प्रसव तक कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाट-बाजार क्लीनिक योजना जैसी योजनाएं आदिवासियों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि कुपोषण जैसी समस्या आदिवासी बच्चों में सबसे अधिक थी। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए बच्चों को अण्डे भी दिए जा रहे हैं। इससे महिलाओं को भी रोजगार मिला है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इस अंचल में सड़क तथा अन्य अधोसंरचनाओं के निर्माण में भी तेजी लाई गई है और हर घर तक नल के माध्यम से पानी पहुंचाने का कार्य भी जल्द ही पूरा किया जाएगा। आदिवासी संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले देवगुड़ियों और घोटूलों को संवारने का कार्य भी शासन द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अंचल में विकास कार्यों में आई गति से आदिवासी समाज में खुशी की लहर देखी जा रही है। बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल और चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम ने भी इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल से चर्चा की।

सर्व समाज भवन का किया भूमिपूजन

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सर्वसमाज भवन का भूमिपूजन किया गया। यह भवन लगभग 6 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होगा। इसके साथ ही यहां आदिवासी समाज से जुड़े देवताओं की पूजा-अर्चना के लिए भी व्यवस्था की जाएगी। अतिथियों ने इस अवसर पर कहा कि शासन द्वारा सभी आदिवासी समाज के साथ-साथ अन्य समाजों के लिए भी सामाजिक भवनों के निर्माण हेतु 20-20 लाख रुपए उपलब्ध कराएगी।

मांदर की थाप पर थिरके मंत्री लखमा और अन्य जनप्रतिनिधि

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर अपने उमंग और उल्लास के लिए प्रसिद्ध आदिवासी नर्तकों द्वारा मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया। मंत्री श्री लखमा, बस्तर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष श्री लखेश्वर बघेल, संसदीय सचिव श्री रेखचंद जैन, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम भी मांदर की थाप पर थिरके।

जामावाड़ा में लगाए गए 200 पौधे

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की वर्चुअल उपस्थिति में आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर जामावाड़ा में 200 पौधे लगाए गए। मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद ने बताया कि इस वर्ष बस्तर जिले में ढाई लाख पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है।

दिनेश के.जी. (संपादक)

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Dinesh KG
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