मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने से बढ़े बिजली के दाम, 400 यूनिट तक छूट यथावत, भाजपाई झूठ बोल गुमराह कर रहे : कांग्रेस
बीजापुर। राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा कांग्रेस की भूपेश सरकार के लगभग पौने तीन साल बाद बिजली में मामूली वृद्धि का प्रस्ताव लाया है। जिसका भाजपाई विरोध कर रहे है। बिजली के दामो को लेकर कलेक्टर जिला बीजापुर को पूर्व मंत्री के द्ववारा ज्ञापन सौपने पर जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता प्रवीण उद्दे ने तीखा पलटवार करते हुए कहा कि, मामूली वृद्धि की मुख्य वजह देश मे पेट्रोल-डीजल के दाम में बेतहाशा वृद्धि प्रति लीटर 100रु.के पार है।
जिला कांग्रेस प्रवक्ता प्रवीण उद्दे ने कहा कि, छत्तीसगढ़ सर प्लस बिजली वाला राज्य हुआ करता था। वर्ष 2003 में रमन सरकार के आते ही बिजली विभाग को पांच कंपनी बनाकर बगैर सोचे समझे गैर जिम्मेदार निर्णय लेने से लागत आय बढ़ गया जिससे घाटा होने लगा और उसकी भरपाई 3 रु. 27 पैसे की बिजली का दाम 6रू. 20 पैसे तक बढ़ाकर जनता से वसूला गया। पूर्व मंत्री महेश गागड़ा बताएं कि 15 साल में 9 बार बिजली महंगा करना और हर वर्ष औसत 6 प्रतिशत की बिजली की वृद्धि क्या थी? भाजपाई बिजली पर कुछ भी बोलने का नैतिक अधिकार नहीं रखते है। ऊर्जा विभाग में हुये बड़े-बड़े घपले घोटाले क्या थे,कोरबा वेस्ट पावर प्लांट में किये गये घोटाले क्या थे?
ज़िला कांग्रेस प्रवक्ता प्रवीण उद्दे ने कहा कि, बिजली उपभोक्ताओं को भाजपा के शासनकाल में 1.5 प्रतिशत सरचार्ज वसूला जाता था जिसे घटाकर कांग्रेस सरकार ने 1 प्रतिशत किया, गैर घरेलू उपभोक्ताओं के सिंगल फेस की निर्धारित सीमा 2250 वॉट को बढ़ाकर 5000 वॉट किया शहरी क्षेत्र में नये कनेक्शन में 200 मीटर और गांव में 500 मीटर नये कनेक्शन में लाईन अफोर्डिंग चार्जेस न लेकर नया कनेक्शन सस्ते में लेने जैसी अनेक सुविधा एवं राहत भूपेश सरकार ने जनता को दी है। मुद्दा विहीन पूर्व मंत्री महेश गगड़ा बिजली के नाम पर जनता को भ्रमित कर मात्र नौटंकी और फोटो सेशन कर रहे हैं।