‘बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण’ की बैठक हुई सम्पन्न

बस्तर विकास प्राधिकरण एक मंच है जिसमें क्षेत्र की विकास पर होती है चर्चा – उद्योग मंत्री कवासी लखमा

वन अधिकार पट्टा के प्रकरणों का नियमानुसार निराकरण करें – अध्यक्ष लखेश्वर बघेल

जगदलपुर। बस्तर विकास प्राधिकरण एक ऐसा मंच है जहां पर क्षेत्र के विकास पर चर्चा किया जा सकता है। उद्योग एवं जिला प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने प्राधिकरण के बैठक में कहा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में काम बहुत कम हुआ है अब कोरोना का प्रभाव कम हो रहा है तो हमें बेहतर कार्य करके दिखाना है। गोधन न्याय योजना, गौठानों को बेहतर करना, जल जीवन मिशन के कार्यों को अच्छे से सम्पादित करना है और वन अधिकार के पट्टा के प्रकरणों को नियमानुसार जांच करके निराकरण करें।

प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने कहा कि वन अधिकार मान्यता पत्रक के प्रकरणों को नियमानुसार निराकरण कर पात्र हितग्राहियों को लाभ दिया जाए साथ ही विभिन्न विभागीय मदों तथा बस्तर विकास प्राधिकरण मद के स्वीकृत कार्यों का समय पर पूर्ण करवाएं। बैठक में जनहित मुद्दो के लिए आए मांगों और सुझावों का प्राधिकरण द्वारा समय पर निराकरण किया जायेगा। सभी कलेक्टरों से प्राधिकरण में स्वीकृत कार्यों को समय पर पूर्ण कराने की आशा की जा रही है।

बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा दिए गए निर्देशो में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल निर्माण हेतु जमीन आबंटन तथा निर्माण, आदिवासी संग्राहलय स्थापित करने हेतु राशि की उपलब्धता और गृह निर्माण मंडल द्वारा सभी जिलों में किये जा रहे निर्माण कार्यों की प्रगति पर चर्चा किया गया। इस अवसर पर हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी को निर्माण कार्य को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। मंत्री लखमा ने सभी समाजों के लिए भवनों की स्वीकृति तथा जमीन आबंटन की स्थिति का भी कलेक्टरों से जानकारी ली। जल जीवन मिशन की समीक्षा करते हुए मंत्री लखमा ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मण्डल के अधिकारी को स्वीकृत हुए गांवों में निर्माण कार्य पूर्ण होने पर संबंधित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को ले जाकर अवलोकन करवाने के निर्देश दिए।

बस्तर संभाग के जिलों में सांस्कृतिक धरोहरों एवं आदिवासी संस्कृति के अभिलेखीकरण के कार्यों के संबंध में सभी जिलों के सहायक आयुक्तों से जानकारी लेकर निर्देश दिए की समाज प्रमुखों के साथ आवश्यक बैठक कर अभिलेखीकरण का कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करवाएं। साथ ही दर्शनीय ऐतिहासिक, धार्मिक पर्यटन स्थलों के पर्यावरणीय संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को पर्यटन समिति के माध्यम से रोजगार के अवसर देने की बात कही गई।

प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मण्डावी ने जिलों मे स्थित पर्यटन केद्रों को उजागर करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा भ्रमण कर प्रमुखता से प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए ताकि अन्य व्यक्तियों को भी पर्यटन की जानकारी हो सकें। बैठक में स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध संसाधनों के विषय पर चर्चा के दौरान जनप्रतिनिधियों ने मांग रखी कि डीएमएफ मद की राशि का कुछ हिस्सा पेयजल स्वास्थ्य, शिक्षा पर खर्च किया जाए।

बैठक में विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मण्डावी, सांसद बस्तर दीपक बैज, कांकेर सांसद मोहन मंडावी, संसदीय सचिव द्वय रेखचन्द जैन, शीशुपाल शोरी, हस्थशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप, विधायक चित्रकोट राजमन बेंज़ाम, विधायक दंतेवाड़ा देवती कर्मा, विधायक अंतागढ़ अनुप नाग, प्राधिकरण के सदस्य सातो जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष, तीन मनोनीत सदस्य सहित कमिश्नर जी आर चुरेंद्र, कलेक्टर दंतेवाड़ा दीपक सोनी, कांकेर कलेक्टर चंदन कुमार, बीजापुर कलेक्टर रितेश अग्रवाल, नारायणपुर कलेक्टर धर्मेश साहू, पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव, सीईओ जिला पंचायत बस्तर सुश्री ऋचा चौधरी, डिप्टी कमिश्नर बीएस सिदार सहित सभी संभाग स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे

विधान सभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी ने कहा कि आदिवासी हितों की माँगो और उनको मूर्त रूप देने के लिए बस्तर विकास प्राधिकरण प्रजातंत्र की व्यवस्था है। प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत कार्यों को लक्षित आधार पर कार्य करें ताकि व्यवस्थाओं को समय पर पूर्ण किया जा सके। उन्होंने कहा कि सुपर स्पेसलिटी हॉस्पिटल को शीघ्रपूर्ण कराएँ ताकि क्षेत्र के लोंगो को स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।

इस अवसर पर कांकेर सांसद मंडावी ने कहा कि बस्तर की संस्कृति की अलग पहचान है इसलिए क्षेत्र के विकास में प्राधिकरण में माध्यम से बेहतर कार्य किया जाना है। संसदीय सचिव रेखचन्द जैन ने एनएमडीसी से संस्कृति संरक्षण और संवर्धन के लिए राशि देने की माँग रखी। विधायक राजमन बेंज़ाम, चंदन कश्यप, अनुप नाग और देवती कर्मा ने भी अपने क्षेत्र की समस्याओं को बैठक में रखा। मनोनीत सदस्यों और जिला पंचायत अध्यक्षों ने भी अपनी माँग रखी।

बैठक में प्राधिकरण मद से वर्ष 2004-05 से 2021-22 तक स्वीकृत निर्माण कार्यों की पूर्ण- अपूर्ण की स्तिथि,वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में जिला वार अनुशंसित निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति, शहीद वीर नारायण सिंह स्वालंबन योजना अंतर्गत भौतिक और वित्तीय प्रगति की समीक्षा, अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों के असाध्य नलकूपों के उर्जीकरण और नलकूप खनन कार्य, भूमि पर टयूबवेल खनन एवं चैन लिंक फैसिंग कार्य तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग को वनोपज, कृषि उपज आधारित प्रसंस्करण ईकाई स्थापना की स्वीकृत कार्य की चर्चा की गई। इस अवसर पर जिला प्रशासन दन्तेवाड़ा द्वारा सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।

दिनेश के.जी. (संपादक)

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