लंबे समय से जाति संबंधी समस्याओं से जूझ रहे महार समाज के युवा संगठन ने की विधायक से मुलाकात, ज्ञापन सौंपकर की समस्याओं के जल्द निराकरण की मांग

बीजापुर। लंबे समय से जाति की समस्या से जूझ रहे महार समाज के युवाओं ने आज स्थानीय विधायक एवं बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष “विक्रम मंडावी” से मुलाकात की। समाज के युवाओं ने उन्हें शिक्षा व रोजगार के क्षेत्र में होने वाली जाति संबंधित समस्याओं से अवगत कराया। इस दौरान महार समाज युवा संगठन ने जाति प्रमाण पत्र में मात्रात्मक त्रुटि होने से समाज के छात्रों को हो रही समस्याओं के निराकरण हेतु विधायक ‘विक्रम मंडावी’ को ज्ञापन सौंपा।

ये हैं महार समाज की समस्याएं

महार समाज युवा संगठन ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि
1/ महार (MAHAR) जाति अनुसूचित जाति वर्ग अंतर्गत आता है। भारत सरकार द्वारा अंग्रेजी में अधिसूचित अनुसूचित जातियों के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य की सूची के प्रविष्टि क्रमांक-33 में उल्लिखित ‘MAHAR’ जाति के नाम में स्थानीय बोली जनित उच्चारणगत विभेद (Phonetic Values) के अनुसार राजस्व अभिलेखों में प्रविष्टियो होने के कारण, पिछले 20 वर्षों से लोगों को अधिसूचित जाति (MAHAR) का सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण-पत्र (जाति प्रमाण पत्र) नहीं बन रहा है जिसके कारण महार समुदाय के लोगों को शासन के विभिन्न योजनाओं सहित रोजगार/शिक्षा में आरक्षण लाभ नहीं मिल रहा है। इसके कारण समाज निरंतर पिछड़ता जा रहा है।

2/ विदित हो कि शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा उक्त परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए परिपत्र के एफ 13-6/2016/आ.प्र./1-3 दिनांक 30.12.2017 द्वारा कंडिका 3 की तालिका (ख) अनुसूचित जाति के क्रमांक-5 में अंग्रेजी में अधिसूचित अनुसूचित जाति के नाम (MAHAR) का हिन्दी में उच्चारण गत/लेखन/ ध्वन्यात्मक विभेद “महरा, माहरा, महारा, माहारा” को मान्य करते हुए अंग्रेजी में प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में निर्देश जारी किये गये थे।

3/ उल्लेखनीय है कि उपरोक्तानुसार अनुसूचित जाति अंतर्गत मान्य किये गये विभेद ‘माहरा जाति समूह द्वारा उक्त निर्देश पर आपत्ति जताते हुए अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर मान. उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया गया जिसका अंतिम निर्णय आने तक कोर्ट के निर्देशानुसार शासन द्वारा ‘MAHAR’ जाति का प्रमाण पत्र जारी करने पर रोक लगाई गई है। इसके कारण हम वास्तविक MAHAR (SC) समुदाय के लोगों आर्थिक एवं सामाजिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जो कि न्यायोचित नहीं है।

4/ अतएव मांग है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं मान. उच्च न्यायालय में लंबित याचिकाओं के निराकरण की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूर्ण करने हेतु शासन को अग्रेषित करने का कष्ट करें एवं भारत सरकार द्वारा अंग्रेजी में अधिसूचित ‘अनुसूचित जाति’ के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य की सूची में प्रविष्टि क्रमांक 33 में अंकित ‘MAHAR’ जाति के अंतर्गत ही हमें राज्य शासन के निर्देशानुसार अंग्रेजी में ‘MAHAR’ (अनुसूचित जाति) का यथाशीघ्र सामाजिक प्रास्थिति (जाति) प्रमाणपत्र जारी किये जाने की कार्यवाही करने का कष्ट करें। ताकि हमें रोजगार/शिक्षा एवं अन्य कार्यों में आरक्षण का लाभ प्राप्त हो तथा हमारे समाज की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में सुधार हो सके जिसके लिए समाज आपका आभारी होगा।

विधायक ने समस्या का जल्द निराकरण करने का दिया आश्वासन

समाज की समस्याओं को सुनने के बाद बीजापुर विधायक “विक्रम मंडावी” ने कहा कि वे पूर्व में भी इस संबंध में मुख्यंमत्री से चर्चा कर चुके हैं। साथ ही आश्वासन दिया कि जल्द ही जाति की समस्या का निराकरण करने की बात कहते हुए स्वयं इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा करने की बात कही। इस दौरान ज्ञापन सौंपने विजय मोरला, तेंजिन गोग, केशव तोगर, ज्योति कुमार, विहान दुर्गम, रजत झाड़ी, बापूराव दुर्गम, सुशील दुर्गम, मनोज दुर्गम, विजय दुर्गम, बबलू दुर्गम, संजय तोगर, राजकुमार के.जी., राकेश दुर्गम, गजानंद गांधरला सहित महार समाज युवा संगठन के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

दिनेश के.जी. (संपादक)

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