पूरे प्रदेश में एक साथ 15 दिनों तक लॉकडाउन की मांग
रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के भयावह स्वरूप को लेकर प्रदेश सरकार को लगातार आगाह कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार कोरोना को लेकर गंभीर ना ही पहले थी न वर्तमान में है।कोरोना के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिये प्रदेश की सरकार को सभी वर्ग से चर्चा करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उद्योगपति, व्यापारियों और आमजनों से वर्तमान हालत पर सरकार को चर्चा कर के पूरे प्रदेश में एक साथ ही लॉकडाउन लगाने पर उचित कदम उठाना चाहिये। उन्होंने कहा कि जिलावार लॉकडाउन लगाये जाने के बजाय पूरे प्रदेश में एक साथ ही लागू किया जाना चाहिये।वही इस समय पर लॉकडाउन को लेकर सारा कमान प्रदेश सरकार को अपने हाथों पर लेना चाहिये।
इसके साथ ही दो सप्ताह के लिये लॉकडाउन लगाने की जरूरत है ताकि कोरोना के हो रहे लगातार विस्तार की गति पर विराम लग सके।एक सप्ताह का लॉकडाउन पर्याप्त समय नही है। जिसके सार्थक परिणाम भी नही आयेंगे। उन्होंने कहा प्रदेश में सक्रिय केस की संख्या को प्रदेश सरकार छुपा रही है।जिसके चलते स्थिति और बिगड़ती जा रही है।अब हालत तो यहां तक बिगड़ चुके हैं कि मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए भी विवाद होने लगे हैं। वहीं प्रदेश में परिस्थियां बेहतर हो इसके लिये भी कोई कारगर कोशिशे नही जा रही हैं। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश में पहले ही लॉकडाउन लग जाना चाहिये था लेकिन प्रदेश सरकार की मौनता और उत्सव के कारण कोरोना फैलाव जारी रहा है। समय रहते कोरोना पर अंकुश लगाने के लिये ठोस पहल किया जाता और लॉकडाउन लगा दिया जाता तो जो हालत बिगड़ते जा रहे हैं वो काबू में किया जा सकता था। छत्तीसगढ़ कोरोना के मामले में पूरे देश में प्रथम पंक्ति मे प्रदेश रूप मे अपनी पहचान बना रहा है। कोरोना में सक्रिय मामलों के साथ अस्पतालों में बिस्तरों की कमी को लेकर लगातार प्रदेश सरकार के ध्यान मे लाते रहे हैं,लेकिन इसके बाद भी कोई उचित कदम नही उठाये गये हैं। जिस़के कारण है स्थिति भयावह बनती जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि कोरोना पर अंकुश लगाने के लिये समाज के हर वर्ग की सहभागिता जरूरी है , लेकिन इस दिशा मे प्रदेश सरकार की ओर से कोई पहल नही की जा रही है।इस समय पर सामाजिक संस्थाओं का सहयोग लेना चाहिये। लेकिन एक समय सामाजिक संस्थाओं ने सहयोग देना चाहा तो प्रदेश सरकार ने इस पर रूचि नही दिखाई। जिसके कारण सामाजिक संगठनों का फिर जुड़ाव नही हो सका है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में 1 सितंबर की स्थिति मे सक्रिय मरीज़ 15,533 थे वहीं 19 सिंतबर की स्थिति में 36,580 सक्रिय केस के साथ सातवें स्थान पर हैं। मौत के मामले पर 17 वें स्थान पर और जांच के मामले पर 20वें स्थान पर हैं। इसके साथ ही एक्टिव केस के प्रतिशत मामले में भी 44.8 प्रतिशत के साथ प्रथम स्थान पर हैं। अगर रिकवरी संख्या मामले में देखे तो 19 वें स्थान पर हैं परंतु रिकव्हरी अनुपात के मामले में अभी भी छत्तीसगढ़ 54.4 प्रतिशत के साथ सबसे नीचे 35 वे नंबर पर स्थित है, जो चिंता की बात है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में एक साथ लॉकडाउन को दो सप्ताह तक किये जाने पर तत्काल विचार किया जाना चाहिये।