जगदलपुर। प्रत्येक राष्ट्रीय कार्य के समान शिक्षकों की सेवाएं कोरोना से लड़ने में भी राज्य सरकार ले रही है। जिसके कारण शिक्षक लगातार कोरोना से संक्रमित हो रहे है।अब तक सैकड़ों शिक्षक इस महामारी से संक्रमित हो चुके हैं और लगभग 50 शिक्षकों की मृत्यु हो चुकी है,इनमें से कई शिक्षक युवा है।असमय काल के गाल मे समाने वाले शिक्षकों के परिवार बेसहारा व बच्चे आज अनाथ हो चुके हैं ,लेकिन अपने को संवेदनशील कहने वाली कांग्रेस राज्य सरकार के कानों पर जूँ नहीं रेंग रही हैं।उक्त बातें भाजपा प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने कही है।
श्री कश्यप ने कहा कि आज शिक्षक एक ऐसा कर्मचारी बन के रह गया है जिसकी ड्यूटी किसी भी विभाग का कोई भी अधिकारी कहीं भी लगा लेता है , शिक्षकों से ड्यूटी लेने से मुझे परहेज नहीं है बल्कि मैं तो मानता हूं कि गुरुजनों के बिना हमारे देश और प्रदेश का कोई भी कार्य सम्पन्न हो ही नहीं सकता । शिक्षकों की सेवाएं लेकर हम कठिन से कठिन कार्य भी सम्पन्न कर सकते है। छत्तीसगढ़ के शिक्षक ही हैं जो इस महामारी में मोहल्ला क्लास, ऑन लाइन क्लास, ऑफलाइन क्लास लेकर शिक्षा की ज्योत को जलाए रखें हैं।
श्री कश्यप ने कहा कि हमे तो शिकायत इन शिक्षकों के प्रति इस सरकार के संवेदनहीन रवैये से है, जो इन शिक्षकों की ड्यूटी अब कोरोना से मृत मरीजों के अंतिम संस्कार में भी लगाने के बारे में सोच रही है, वो भी उनको बिना करोना योद्धा माने। श्री कश्यप ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि वैसे भी जब सरकार शिक्षकों से कोरोना के सारे कार्य तो करवा ही रही है तो उन्हें कोरोना कार्य में लगे अन्य कर्मचारियों के समान करोना योद्धा मानें और उनका बीमा करवाकर उन्हें भी सारी सुविधाएं प्रदान की जाये।