छत्तीसगढ़जगदलपुर

कांग्रेस की दोहरी नीति उजागर, महापौर संजय पाण्डे बोले – शराब दुकान का प्रस्ताव कांग्रेस की देन, जिसने शराब का बीज बोया, वही आज विरोध का नाटक कर रही है

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जनभावनाओं का होगा सम्मान, जिला प्रशासन के साथ समाज एवं संगठनो की बैठक से ही होगा कोई भी निर्णय – संजय पाण्डे

जनता के साथ महापौर, कांग्रेस पर किया करारा हमला – “नैतिकता का पाठ पढ़ाने वालों ने ही शराब फैलाया”

कोतवाली के सामने, धार्मिक स्थलों के समीप शराब दुकान पर महापौर बोले – “धार्मिक आस्था को ठेस नहीं पहुँचने देंगे”

महापौर की पहल : शराब दुकान स्थानांतरण को लेकर राज्य शासन और जिला प्रशासन से करेंगे बातचीत

जगदलपुर। शहर के कोतवाली थाना के ठीक सामने स्थित व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स में प्रस्तावित शराब दुकान को लेकर नगर निगम महापौर संजय पाण्डे ने स्पष्ट किया है कि यह मात्र कांग्रेस द्वारा प्रायोजित भ्रम और अफ़वाह मात्र है ।नगर निगम जनता की भावनाओं का पूर्ण सम्मान करता है और ऐसी किसी भी योजना को समर्थन नहीं देगा जो रिहायशी एवं धार्मिक स्थलों के समीप सामाजिक वातावरण को प्रभावित करे।

महापौर संजय पाण्डे ने कहा कि नगर निगम में शराब दुकान से संबंधित कोई प्रस्ताव सम्मिलित नहीं किया गया है, यह पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की उपज है। जनता की आपत्ति और धार्मिक, सामाजिक भावनाओं का हम पूरा सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा केवल धार्मिक आस्था और कानून व्यवस्था से जुड़ा ही नहीं है, बल्कि महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं की सुरक्षा और क्षेत्र की सामाजिक संरचना से भी गहराई से जुड़ा हुआ है।

महापौर पाण्डे ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि कांग्रेस ने अफ़वाह फैला कर जिस स्थल को प्रस्तावित स्थल बताया है, वहाँ से केवल 100 से 150 मीटर के दायरे में श्री जैन श्वेताम्बर मंदिर, श्री शंकर मंदिर, पुलिस कॉलोनी, एसबीआई बैंक, पुलिस अधीक्षक कार्यालय एवं अन्य शासकीय कार्यालय स्थित हैं। ऐसे में किसी भी सूरत में यह स्थान शराब दुकान के संचालन हेतु उपयुक्त नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि नियमानुसार भी किसी भी शराब दुकान को धार्मिक व रिहायशी स्थलों से उचित दूरी पर होना चाहिए।

महापौर संजय पाण्डे ने इस पूरे प्रकरण को लेकर कांग्रेस पार्टी की कथनी और करनी पर तीखा हमला बोला और कहा कि “आज जो कांग्रेस शराब दुकान के खिलाफ ज्ञापन देने और विरोध करने का ढोंग कर रही है, वह केवल जनता को गुमराह करने का एक राजनीतिक हथकंडा है। सच्चाई यह है कि कोतवाली थाना के सामने जिस स्थान पर शराब दुकान खोले जाने का प्रस्ताव आया, वह मूलतः पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की उपज है। उसी सरकार के दौरान आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा स्वयं नगर निगम आए थे, और इसी स्थल पर शराब दुकान खोलने का प्रस्ताव लेकर आए थे। उस समय मैंने विपक्ष का नेता रहते हुए भाजपा पार्षदों के साथ मिलकर सड़क पर उतरकर विरोध किया, धरना-प्रदर्शन भी किया। लेकिन तब कांग्रेस के किसी भी नेता या जनप्रतिनिधि ने जनता की भावनाओं की चिंता नहीं की, न ही कोई विरोध किया। आज जब प्रशासन द्वारा प्रस्ताव को अमल में लाने की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, तब कांग्रेस अचानक से जनता के साथ खड़े होने का दिखावा कर रही है। यह अवसरवादिता की पराकाष्ठा है।”

महापौर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की राजनीति केवल दिखावे और भ्रम फैलाने पर टिकी है। “जिस कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में पूरे बस्तर संभाग को शराब के जाल में धकेल दिया, वही आज शराब दुकान का विरोध करने का पाखंड कर रही है। कांग्रेस की शराब नीति ही इस समस्या की जड़ है, जिसने गांव-गांव में शराब पहुंचाई, अब वही पार्टी नैतिकता की बातें कर रही है, यह हास्यास्पद है।”

महापौर पाण्डे ने यह भी स्पष्ट किया कि वे इस मुद्दे को लेकर राज्य शासन एवं जिला प्रशासन से चर्चा करेंगे । जिला प्रशासन द्वारा समाज एवं संगठन प्रमुखों की राय एवं सहमति लेकर तथा शराब दुकान को शहर से बाहर किसी उचित स्थान पर स्थानांतरित करने का आग्रह करेंगे, ताकि जनता की भावनाओं, कानून व्यवस्था और सामाजिक समरसता का पूर्ण सम्मान हो सके।

महापौर ने अंत में जनता को आश्वस्त करते हुए कहा, “नगर निगम आपकी है, और हम आपके हितों और भावनाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। कोई भी निर्णय जनता की सहमति और सामाजिक मर्यादाओं को ध्यान में रखकर ही लिया जाएगा।”

दिनेश के.जी. (संपादक)

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