रोते-रोते जब उसने कहा कि “मैं मजदूरी करता हूं साहब, …….02 दिन से कुछ नहीं खाया हूं, बहुत भूखा हूं..” इतना सुनकर कर्तव्य के साथ ही संवेदनशीलता का उदाहरण पेशकर बस्तर पुलिस ने पहुंचाई राहत
जगदलपुर। कहा जाता है कि भूखे को खाना खिलाने व प्यासे को पानी पिलाने से बड़ा कोई पुण्य नहीं होता है। कोरोना की विपरीत परिस्थितियों में ऐसा ही एक उदाहरण…