घने जंगलों और पहाड़ों के बीच बसे ग्राम-लोहरापारा पहुंचे कलेक्टर, आंगनबाड़ी केन्द्र और स्कूल, आश्रमों का किया निरीक्षण, चखकर ‘रेडी-टू-ईट’ फूड के गुणवत्ता की जांच की

नारायणपुर। कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा आज सवेरे अपने निवास से रवाना होकर धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र और चारों ओर से घने जंगलों और पहाड़ों के बीच बसे गांव लोहरापारा, बोरण्ड, बड़ेजम्हरी, पहुंचे। उन्होंने वहां संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र और स्कूलों और आश्रम का निरीक्षण किया। स्कूलों में बच्चों और शिक्षको की शत-प्रतिशत उपस्थिति देख खुशी जताई। श्री वर्मा ने आंगनबाड़ी केन्द्र के नन्ने-मुन्ने बच्चों से खुलकर हंसी-खुशी की बात की। स्नेह से बच्चों का दिल जीत लिया।
उन्होंने कहा कि बच्चों को सही पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा मिले, ये सुनिश्चित करना हम सबकी जिम्मेदारी है। केन्द्र और राज्य सरकार बच्चों के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। इनका भरपूर लाभ लोगों को मिलना चाहिए। उन्होंने आंगनबाड़ी एक बच्चे का वजन लेकर देखा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि लोहरापारा और बोरण्ड आंगनबाड़ी में दो-दो बच्चे कुपोषित की श्रेणी में है, उन्हें निर्धारित मापदण्ड के अनुसार पौष्टिक पोषण आहार दिया जा रहा है। पहले की अपेक्षा इनके वजन में सुधार हुआ है।
उन्होंने भंडार पंजी संधारण नहीं किए जाने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भविष्य के लिए सचेत किया। कलेक्टर ने गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के लिए उपयोग हेतु तैयार पोषण आहार (रेडी-टू-ई-फूड) का चखकर गुणवत्ता की जांच की। उन्होंने उपस्थित महिला एवं बाल विकास अधिकारी को नियमित रूप से गुणवत्ता की जांच करने और सप्लाई कर्ताओं पर उचित कदम उठाने और गुणवत्ता बेहतर करने की नसीहत दी। उन्होंने बच्चों के लिए बनाए जाने वाले पोषण आहार और गर्भवती माताओं के लिए बनाए गए भोजन की भी जांच की। उन्होंने अधकच्ची रोटी को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए। भोजन की क्वालिटी में सुधार की समझाईश दी। शौचालय के सुचारू रूप से उपयोग करने को कहा।
अपने भ्रमण के दौरान कलेक्टर ने बोरण्ड मीडिल स्कूल और प्रायमरी स्कूल का भी निरीक्षण किया। वर्मा ने बच्चों और गुरूजनों की शत-प्रतिशत उपस्थिति देखकर खुशी जताई। इस अवसर पर एक मौका ऐसा भी आया जब कलेक्टर ने एक ही क्लास के सभी बच्चों से एक स्वर में मेरी गुड़िया कविता सुनी। वर्मा ने बड़ेजम्हरी में बालक छात्रावास का भी अवलोकन किया। बच्चों की पूरे माह शत-प्रतिशत उपस्थिति देख शंका होने पर आश्रम अधीक्षक से वस्तुस्थिति पूछी और भविष्य में सही उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिए। उन्होंने बच्चों के भोजन बर्तन को सही ढंग से साफ करने के निर्देश दिए। कलेक्टर वर्मा ने स्कूली बच्चों का हिन्दी, अंग्रेजी और गणित पढ़ाया। उन्होंने बोर्ड पर दर्ज सवालों को भी हल किया।