जगदलपुर। विगत दिनों कुम्हरावंड डेम में मिले लाश के अंधे कत्ल की गुत्थी को बस्तर पुलिस ने सुलझा लिया है। दरअसल एसएसपी जितेन्द्र सिंह मीणा एवं एएसपी ओ. पी. शर्मा के निर्देश तथा एसडीओपी घनश्याम कामड़े के मार्गदर्शन पर पुलिस टीम के द्वारा अज्ञात मृतक की पहचान व परिजनों की तलाश शुरू की गई थी। जिसमें लगभग 20 दिनों बाद बस्तर पुलिस दो आरोपियों के रूप में सफलता हाथ लगी।
एएसपी शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 नवंबर को बस्तर पुलिस को कुम्हरावण्ड डेम, इन्द्रावती नदी कुडकानार में एक अज्ञात लाश मिलने की सूचना मिली थी। जहां मृतक के गले, हाथ, पैर में कपड़े से बांधा गया था, जो प्रथम दृष्ट्या हत्या कर फेंकना प्रतीत हुआ। आस-पास से पहचान कराये जाने के बाद शव की पहचान नहीं होने से शव का मौके पर ही ग्राम कुड़कानार के पंचानों के समक्ष शव पंचनामा किया गया। जिसके बाद शव का डिमरापाल अस्पताल में पी. एम. कराकर मृतक के परिजन नहीं मिलने पर चीरघर डिमरापाल अस्पताल में सूरक्षार्थ रखवाया गया, जो तीन दिवस में भी मृतक के परिजन का पता नहीं चलने पर मृतक का शव नगर निगम को सौंप कर कफन-दफन कराया गया।
इस दौरान मृतक के परिजन का 23 नवंबर को पता चला जो कि मृतक के हाथ में गोदना से लिखा बोमड़ा राम मण्डावी एवं उसके पहने कपड़े तथा उसके हुलिया से मृतक का नाम बोमड़ा राम मण्डावी निवासी पारापुर डोंगी पारा थाना लोहण्डीगुड़ा का होना बताया गया। मर्ग जांच के दौरान पी.एम. रिपोर्ट की क्युरी रिपोर्ट के आघर पर अपराध घटित होना पाये जाने से थाना बस्तर में अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू किया गया।
जांच के दौरान दर्शन उर्फ सुर्दशन पाण्डे उम्र 26 वर्ष और अभिषेक सिंह बघेल उर्फ अवि उम्र 30 वर्ष को संदेह के आधार पर पूछताछ किया गया। जिन्होंने मृतक बोमड़ा राम मण्डावी द्वारा चोरी के नाम पर बदनाम करने की रंजिश में मृतक की हत्या करने की योजना बनाकर 07 नवंबर को हत्या करने की मंशा बनाई और कालीपुर जंगल में शराब पिलाकर मृतक पर लाठी-डंडों से वार का मौत के घाट उतर दिया। साथ ही मारपीट कर हत्या करने के बाद मृतक बोमड़ा राम मण्डावी के ही कपड़े से शव के हाथ पैर बांधकर शव को छुपाने की नियत से मोटर सायकल में उक्त दोनों आरोपियों ने कुडकानार इन्द्रावती नदी के पुल से नीचे फेंक दिया।
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उक्त दोनों आरोपियों के द्वारा मृतक बोमड़ा राम मण्डावी की हत्या करना कबूल करने के बाद दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। वहीं इस पूरी कार्यवाही में थाना बस्तर के निरीक्षक सुरित सारथी, उपनिरीक्षक प्रेम कुमार झा, सहायक उपनिरीक्षक सतीश यदुराज, प्र.आर. सुनील मनहर, मिथुन कुमार सुल्तान, सायबर आरक्षक धर्मेन्द्र ठाकुर, डायल 112 के आरक्षक सोनू गौतम, प्रदीप कश्यप व हिमांशु यादव ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।