नक्सलगढ़ से निकले ग्रामीण सीआरपीएफ 195 के सिविक एक्शन प्रोग्राम में पहुँचे कटेकल्याण


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◆ दिव्यांग महिला-पुरुष भी लाठी के सहारे पहुँचे
◆रोजमर्रा, खेल और पढ़ाई का जवानों ने बांटा सामान
सीजीटाइम्स। 01 मार्च 2019
दन्तेवाड़ा। सीआरपीएफ बस्तर में सालो से नक्सल प्रभावित दन्तेवाड़ा जिले के घनघोर बीहड़ी इलाके में नक्सलवाद से निपटने के साथ-साथ विकास की गति को तेज करने के उद्देश्य से तैनात है। सीआरपीएफ फोर्स इसी विकास के एजेंडे को सिविक एक्शन प्लान के तहत जगह-जगह ट्राइबल आदिवासी इलाकों में ग्रामीणों के बीच मेल-जोल बढ़ाने के लिये चलाती चली आ रही है। कटेकल्याण 2 में सीआरपीएफ 195 बटालियन सी कंपनी के कमाण्डेन्ट राकेश कुमार सिंग व द्वतीय कमान अधिकारी यादवेंद्र सिंग के मार्गदर्शन में जिलेभर के 195 बटालियन की तैनात सभी टुकड़ियों में लगातार सीविक एक्शन प्लान चलाया जा रहा है। कटेकल्याण सीआरपीएफ कैम्प में भी इसी प्रोग्राम का आयोजन किया गया। जहाँ कटेकल्याण के पास के गांव परचेली,बेंगलूर,गाटम और कटेकल्याण के सैकड़ो ग्रामीण महिलाए,पुरुष व स्कूली बच्चे पहुँचे हुए थे। जिन्हें रोजमर्रा के सामान बर्तन,मच्छरदानी, किताबे,लालटेन,बैग, प्लास्टिक ड्रम जैसे सामान जरूरतमंद को दिये गये।
आयोजित सिविक एक्शन प्लान की सबसे खास बात देखने को यह मिली कि दिव्यांग बुजुर्ग महिलाए और पुरुष भी पहुँचे हुए थे। जिन्हें सीआरपीएफ 195 के डिप्टी कमाण्डेन्ट हृईलुंग नसारांगबे कार्यक्रम में स्वयं मौजूद होकर अपने हाथों से सामान बांटा। अनुमान से अधिक ग्रामीणों ने कैम्प में पहुँचकर खुशी से सामानों को लिया। 195 सी कंपनी के असिटेंड कमाण्डेन्ट सुजय कुमार यादव ने बताया कि नक्सलगढ़ में तैनात हमारी फोर्स सामाजिक समरसता और ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हर मोर्चे पर तैनात है। वैसे भी बस्तर भारत का गहना है। जिसकी जितनी तारीफ की जाये कम है। कार्यक्रम में जिला पुलिस बल कटेकल्याण के उपनिरीक्षक उमेश सिंह तोमर भी मौजूद थे। आपको जानकारी के लिए बता दे सीआरपीएफ हिंदुस्तान की वह फोर्स है जो हर क्षेत्र में तैनात होती है चाहे वह पाकिस्तान का बॉडर हो या बस्तर का नक्सलगढ़ जवानों को शांति अमन बहाली के लिए हर मैदान में उतारा जाता है। इसी वजह से कटेकल्याण जैसे दुर्दांत नक्सली क्षेत्र में वर्षो के बाद जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ की मेहनत रंग लाती दिख रही है।