जिले के 41 राहत शिविरों में लगभग 1084 शरणार्थियों तक पहुंचायी जा रही राहत

जगदलपुर। लाॅकडाउन से प्रभावित जरूरतमंद प्रवासी श्रमिकों को भोजन, ठहरने और चिकित्सा सुविधा सहित अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कर उन्हें राहत शासन के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा पहुंचायी जा रही हैं। जिला बस्तर में जिला प्रशासन द्वारा 39 शिविर और एनजीओ के 2 शिविर सहित कुल 41 राहत शिविरों के माध्यम से लगभग 1084 लोंगो को राहत दी जा रही है। इन जरूरतमंद लोंगो को जिले के सातों विकासखण्ड में संचालित स्कूल, आश्रम शाला, सामुदायिक भवनों का आश्रय स्थल के रूप उपयोग किया जा रहा है। उक्त स्थानों पर रुकने, खाने-पीने की व्यवस्था और आवश्यक स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है। इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान शासन के निर्देशानुसार 14 अप्रैल तक 17254 को जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायत के माध्यम और 132 लोगो को एनजीओ द्वारा बिना राशन कार्ड धारियों को राशन की उपलब्धता सुनिश्चत की गई है। साथ ही 6671 लोगों को एनएमडीसी और 209 लोंगों को रेल्वे व क्रेशर प्लांट के द्वारा खाने की व्यवस्था की जा रही है।
बकावंड ब्लाक के ग्राम धोबीगुडा राहत शिविर में रुके परशुराम ने बताया कि वे बलौदा-बाजार जिले के निवासी है वे एक ईटाभट्टी में काम करने आए थे लॉकडाउन में यहाँ फँस गए लेकिन शासन-प्रशासन ने हम लोंगो को रुकने, खाने पीने की व्यवस्था की है। परशुराम ने इसके लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त भी किया। इसी प्रकार धरसीवा निवासी शास्त्री मण्डावी ने बताया कि वे परिवार के सदस्यों के साथ दन्तेश्वरी माता के दर्शन के लिए आए थे। वापस जाते समय लाॅकडाउन में फंस गए, बस्तर विकासखण्ड के ग्राम मेटावाड़ा स्कूल में उनको और परिजनों को रूकवाया गया है, जहां पर शासन द्वारा रहने और खाने-पीने की सुविधा दी जा रही है।
राहत शिविर नगरनार बालक आश्रम में रुके 15 शरणार्थियों ने बताया कि वे ट्रक ड्राइवर और सहायक है वे लोंग एक ट्रक में सवार होकर रायपुर जा रहे थे, वहाँ से अपने राज्य मध्यप्रदेश, राजस्थान जाने वाले थे परंतु लॉकडाउन के कारण अब यहाँ पर जिला प्रशासन ने रुकवाया है। मध्यप्रदेश छतरपुर जिला निवासी बलबीर ने कहा कि यहाँ पर सभी प्रकार की सुविधा दी जा रही है, हम लोंगो का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया है।