जगदलपुर। इंद्रावती टाईगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों को संरक्षित करने के लिए सरकार योजना बनाती है और विभाग की जिम्मेदारी होती है, कि वन्यजीवों को सुरक्षित रखा जाये। बावजूद इसके पिछले कुछ दिनों पूर्व इंद्रावती टाईगर रिजर्व विभाग के द्वारा पांच बाघों का आकडा सहित सार्वजनिक करना शिकारियों को सीधे आमंत्रण देना है, आपको बता दें कि पिछले दिनों में बफ़र ज़ोन से लगे बीजापुर नगर के हृदयस्थल में अवैध सागौन की कटाई को लेकर इंद्रावती टाईगर रिजर्व विभाग के अधिकारी मीडिया में ब्यान देने से बचते नजर आये। लेकिन उप संचालक डी के मेहर ने पांच बाघो की पुष्टि करने में देरी नहीं की और आकडों को सार्वजनिक कर दी। इन आकडों का सार्वजनिक होना शिकारियों को आमंत्रण देने जैसा है।
पूर्व वन मंत्री ‘महेश गागडा’ ने कहा है कि कुछ दिनों पहले बाघ की खाल के साथ बीजापुर के कांग्रेस नेता सहित शासकीय कर्मचारियों को जगदलपुर में पकडा गया और सप्ताह भर पहले बीजापुर से सम्बंधित गाँव चंदुर के दो व्यक्तियों को बाघ के खाल के साथ तेलंगाना के मुनगु में पकडा गया। तेलंगाना वन विभाग ने वन अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध किया है। श्री गागडा ने आगे कहा कि इंद्रावती टाईगर रिजर्व बीजापुर एक राष्ट्रीय उद्यान है ये सब देखने से पता लगता है, कि जो अमला राष्ट्रीय उद्यान में होना चाहिए वो अमला नहीं है। भौगोलिक स्थिति के कारण सुरक्षा का भी मामला है। इस समय विभाग को वन्यप्राणियों का आंकडा सार्वजनिक नहीं करना चाहिए था। आंकडो को सार्वजनिक करने का मतलब शिकारियों को आमंत्रण देना है। श्री गागड़ा ने एक कहावत दोहराते हुए कहा कि आ बैल मुझे मार! वन्यप्राणियों को खतरे में डालना सीधे तौर से इंद्रावती टाईगर रिजर्व विभाग की घोर लापरवाही है।
“इंद्रावती टाईगर रिजर्व के उप संचालक डीके मेहर ने बाघों का खुलासा करते हुए मीडिया को बताया है कि सन् 2018 मे तीन मल के सैपल भेजा गया था, और फिर बाद में पांच सैंपल भेजा गया था। इनमें पांच बाघो की पुष्टि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण अभिकरण ने कर दी है।”