जगदलपुर। बस्तर को देश की राजधानी दिल्ली से जोड़ने अब छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य प्रांतों से स्वर उठने लगे हैं। दरअसल रेल परामर्श दात्री समिति उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज सदस्य एस. के. गौतम ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मांग की है। प्राकृतिक संपदा के साथ अपूर्व संभावनाओं को अपने में समेटे बस्तर का देश के नक्शे से जुड़ने व जोड़ने आपेक्षित हर संभावित जरूरत पर कार्य आवश्यक है। इसी क्रम में बस्तर से दिल्ली रेल मार्ग को लेकर मांग होती रही है। अब इसकी आवाज को रेल परामर्श दात्री समिति उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज के सदस्य एस.के. गौतम ने फिर से बुलंद करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से उक्त विषय संबंधी महत्वपूर्ण मांग की है।
एस.के. गौतम ने मंत्री अश्वनी वैष्णव से रेलगाड़ियों के रूट विस्तार को लेकर अपने मांग पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले में पड़ने वाले जगदलपुर से देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए सीधी रेल सेवा की मांग बहुत पुरानी है लेकिन अब तक इस प्रस्ताव का क्रियान्वयन ना होना जगदलपुर क्षेत्रवासियों के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आगे लिखते हुए कहा है कि मैं आपका ध्यान इस दिशा की ओर आकर्षित करना चाहता हूं कि गाड़ी संख्या 18611/18612 जो रांची से मंडुआडीह (वाराणसी) के बीच सप्ताह में चार दिन संचालित होती है, यदि इसका रूट विस्तार सप्ताह में एक दिन नई गाड़ी संख्या के साथ मंडुआडीह से दिल्ली आनंद विहार(ट) वाया ज्ञानपुर रोड, प्रयागराज रामबाग, प्रयागराज, कानपुर सेंट्रल,टूंडला, अलीगढ़, ग़ाज़ियाबाद होते हुए एवं रांची से जगदलपुर व्हाया राउरकेला, झारसुगुड़ा, संबलपुर, बारगढ़ रोड, बलांगीर टिटलागढ़, केसिंगा, मुनिगुड़ा, रायगढ़ा, दामनजोड़ी, कोरापुट, जयपुर(ओड़िशा) होते हुए किया जाए तो इससे दिल्ली – जगदलपुर के बीच नई रेल सेवा शुरू हो सकती है। उक्त प्रस्ताव को यदि पारित किया जाए तो जगदलपुर-दिल्ली से वाया कानपुर, प्रयागराज, प्रयागराज रामबाग, ज्ञानपुर रोड, मंडुआडीह, वाराणसी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर, गढ़वा रोड, डालटनगंज, टोरी, बरकाकाना, मुरी, रांची, हटिया, राउरकेला, झारसुगुड़ा, संबलपुर, बारगढ़ रोड, बलांगीर, टिटलागढ़, रायगढ़ा, कोरापुट होकर जुड़ जाएगा।
ट्रेन का नाम दण्डकारण्य एक्सप्रेस रखने की मांग
रियल परामर्श दात्री सदस्य गौतम ने निवेदन करते हुए आरंभ होने पर ट्रेन के नाम को लेकर भी अपना प्रस्ताव रखते हुए कहा है कि यदि इस ट्रेन का नाम “दंडकारण्य” एक्सप्रेस रखा जाए तो यह अच्छा कदम होगा, क्योंकि प्रयागराज और जगदलपुर का संबंध रामायण काल एवं प्रभु श्री राम के वनवास मार्ग से रहा है। ज्ञात हो कि पहले भी जगदलपुर दिल्ली के लिए रेल विस्तार के साथ उसका नाम दंडकारण्य एक्सप्रेस रखे जाने की मांग होती रही है।