अतिसंवेदनशील ग्राम मुतनपाल पहुंचे कलेक्टर बंसल का बस्तरिया परम्परा के अनुसार किया गया आत्मीय स्वागत
जगदलपुर। बास्तानार विकास खण्ड के अतिसंवेदनशील ग्राम मुतनपाल में गुरुवार को पहुंचे कलेक्टर रजत बंसल का आत्मीय स्वागत ग्रामीणों द्वारा बस्तरिया परम्परा के अनुसार किया गया। उनके साथ इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहित व्यास भी मौजूद थे।
युवोदय के स्थानीय स्वयंसेवक मुन्ना द्वारा ग्रामीणों की पेयजल संबंधी समस्या को जिला प्रशासन के समक्ष रखे जाने के बाद हुए त्वरित निराकरण से खुश ग्रामीणों ने कलेक्टर को बुलावा भेजा था, जिस पर कलेक्टर ने मुतनपाल पहुंचने के साथ ही रात्रि विश्राम भी किया। इस अवसर पर उन्होंने माडोपारा स्थित मुन्ना के निवास भी पहुंचे और वहाँ उपस्थित ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी। यहां इस दौरान कलेक्टर एवं उपस्थित अधिकारियों को भुनी हुई कुल्थी और सोयाबीन के साथ ही उबाली हुई झुडंगा भी परोसी गई, जिसके स्वाद की प्रशंसा सभी ने की।
बातचीत के दौरान ग्रामीणों ने मोहल्ले में पक्के सड़क की मांग रखने के साथ ही सिंचाई सुविधा एवं मछली पालन हेतु तालाब की मांग भी रखी। ग्रामीणों ने इसके साथ ही मुर्गी व बकरी पालन में भी रुचि जताई। ग्रामीणों ने संयुक्त खातों को विभक्त करने की मांग भी की। कलेक्टर ने खातों के बंटवारे की कार्यवाही शीघ्र करने के साथ ही निर्धारित दिनों में स्थानीय ग्राम पंचायत में उपलब्ध रहने के निर्देश पटवारी को दिए, जिससे ग्रामीणों की राजस्व विभाग से संबंधित समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा सके। उन्होंने इस दौरान मुतनपाल जैसे अतिसंवेदनशील और दुर्गम क्षेत्र में कोरोना नियंत्रण, सुपोषण, शिक्षा आदि कार्य को भली-भाँति जनजन तक पहुंचाने के लिए युवोदय के स्वयंसेवकों की प्रशंसा की और स्वसहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की आर्थिक उन्नति के लिए भी कार्य करने की आशा व्यक्त की।
- अतिथियों ने उठाया बस्तरिया व्यंजनों का आनंद
मुतनपाल में रात्रि विश्राम के लिए कलेक्टर बंसल के साथ पहुंचे अतिथियों का स्वागत युवोदय की स्वयंसेवक विनीत के यहां स्थानीय व्यंजनों के साथ किया गया। यहाँ कोदो चावल, सुखी मशरूम, आमट जिसमें सेमी, मुनगा भाजी, चना, प्याज भाजी और चापड़ा डाली गई थी, इसके साथ ही सुकसी, केऊ कन्द की चटनी, चापड़ा चटनी, केले की सब्जी आदि का स्वाद भी लिया।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर बंसल ग्रामीणों की समस्याओं को जानने और उनके समाधान के लिए पूर्व में भी दुर्गम संवेदनशील क्षेत्रों में जाने के साथ ही रात्रि विश्राम भी करते रहे हैं। कलेक्टर श्री बंसल ने बस्तर जिले में पदस्थापना के बाद दरभा विकास खण्ड के मादर कोंटा, कोलेंग और जगदलपुर विकास खण्ड के तिरिया में भी रात्रि विश्राम कर चुके हैं।