जॉइंट कलेक्टर चौबे साल में 03 बार करते हैं रक्तदान, कहते हैं – रक्तदान को बनाइये अभियान, रक्तदान करके बचाइये जान
- रक्त को पसीने के रूप में हर कोई बहाता है। बड़ा भाग्यवान है वो, जो किसी का जीवन बचाने के लिए अपना रक्त बहाता है।
दिनेश के.जी., जगदलपुर। रक्तदान करने वाले भगवान तो नहीं पर महान जरूर होते हैं और इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं। संयुक्त कलेक्टर नंदकुमार चौबे ने एक बार फिर रक्तदान कर लोगों से अपील की है, वे रक्तदान जैसे पुण्य कार्य के लिए आगे आएं। संयुक्त कलेक्टर ने तीस से अधिक बार लोगों की जान बचाने के लिए रक्तदान किया है। 19 साल की उम्र से रक्तदान करने वाले रक्तदाता नंदकुमार चौबे आज 32वीं बार रक्तदान कर चुके हैं। श्री चौबे के अनुसार रक्तदान कीजिये, मानवता के हित में काम कीजिये, वक्त का हर क्षण और रक्त का हर कण अमूल्य होता है। यदि करनी हो जन सेवा, रक्त-दान ही है उत्तम सेवा।
ज्ञात हो कि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के रूप में पदस्थ ‘नंद कुमार चौबे’ का कुछ दिन पूर्व ही स्थानांतरण संयुक्त कलेक्टर बिलासपुर के रूप में हुआ है। इस बीच मां लक्ष्मी के रूप में उनके घर बिटिया का भी आगमन हुआ। प्रशासनिक और घरेलू तमाम व्यस्तताओं के बावजूद उन्होंने अपनी नैतिक जिम्मेदारी भी बखूबी निभायी और समय निकालकर एक बार फिर रक्तदान का पुनीत कार्य किया।
बताते चलें कि संयुक्त कलेक्टर नंद कुमार चौबे अपने कर्तव्य के साथ अक्सर जनसरोकार और समाजसेवा के क्षेत्र में कार्य करते आए हैं। श्री चौबे 32 बार रक्तदान कर चुके हैं। हर वर्ष कम से कम 03 बार ब्लड बैंक या जरूरतमंद मरीजों को रक्तदान करते हैं। नंद कुमार चौबे ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि रक्तदान से रक्तदाता को कोई हानि नहीं होती है। रक्तदान करने से न सिर्फ जरूरतमंदों की जिन्दगी बचाई जा सकती है, बल्कि रक्तदान करने वाला व्यक्ति भी स्वस्थ रहता है। वहीं श्री चौबे ने आगे भी इस इस पुनीत कार्य को निरंतर जारी रखने की इच्छा जाहिर की है।
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