जैसी शिक्षा वैसी परीक्षा : ऑनलाइन परीक्षा की मांग को लेकर NSUI का प्रदर्शन

शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के कुलपति को सौंपा राज्यपाल के नाम ज्ञापन

जगदलपुर। शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय का घेराव कर एनएसयुआई ने जैसी शिक्षा वैसी परीक्षा की मांग की है। एनएसयूआई शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमितताओं से असंतुष्ट और छात्र विरोधी गतिविधियों से आक्रोशित है। एनएसयुआई का कहना है कि विश्वविद्यालय परीक्षा के संबंध में मनमाने निर्णय लेता है और वो महामारी के दौर में छात्रों को ऑफलाइन परीक्षा के लिए बाध्य करके उनके स्वास्थय से खिलवाड़ कर रहा है, जबकि सेमेस्टर परीक्षाओं की तरह से वार्षिक परीक्षाएं भी ऑनलाइन ली जा सकती हैं। एनएसयुआई की यही मांग है।ऑनलाइन परीक्षा में विवि के खर्चे भी बचते हैं और छात्रों से कम फीस भी ली जा सकती थी। ट्रायबल एरिया में राज्य शासन की सहृदयता के विरुद्ध विवि का रवय्या छात्रों के अनुकूल नहीं है।

विश्वविद्यालय में आए दिन परीक्षा संबंधी धांधलियां होती हैं, जिनमें विवि प्रबंधन की मिलीभगत है और वो निष्पक्ष और विधिसम्मत जांच भी नहीं करता। इस संबंध में एनएसयुआई जिला बस्तर ने जो ज्ञापन दिया था, उस पर विवि के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। एनएसयूआई छत्तीसगढ़ इस संबंध में गंभीर है, विवि को बिना मूल्यांकन केजिंग में नंबर भरने वाले मूल्यांकनकर्ता को दंडित करना ही होगा। स्थानीय महाविद्यालय में पूरक उत्तरपुस्तिका बिक्री कांड की निर्विवाद जांच करवानी पड़ेगी। इसके अतिरिक्त एंथ्रोपोलॉजी के पर्चा लीक कांड में पेपर सेटर के अतिरिक्त अन्य सभी संबंधित पक्षों की भी जांच करनी होगी। जिसमें प्रिंटिंग प्रेस में पेपर पहुंचाने वाले कुलसचिव को जांच के दायरे में लेना होगा। प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी और विश्वविद्यालय में उस प्रश्न पत्र को स्कैन करने वाले कर्मचारी अधिकारियों को भी जांच में सम्मिलित किया जाए।

विवि में मूल्यांकन प्रणाली सही नहीं हैं, जिसके कारण से मेरिट का निर्धारण मूल्यांकनकर्ता की मनमर्जी पर आधारित होता है। ये आश्चर्य का विषय है की पेपर सेटर आंतरिक मूल्यांकनकर्ता भी है और बाह्य परीक्षक भी है, जिस कारण उसे अपने विद्यार्थियों की मेरिट बढ़ाने का अनुचित मौका मिलता है जबकि दूसरे केंद्रों के विद्यार्थी पिछड़ जाते हैं। एनएसयूआई छत्तीसगढ़ मूल्यांकन प्रणाली में संशोधन चाहती है, जिसके अंतर्गत आंतरिक परीक्षक उसी परीक्षा का बाह्य परीक्षक नहीं रह सकता।
विवि मूल्यांकनकर्ताओं को प्रायोगिक परीक्षा और कॉपियां जांचने के बदले में लाखों रुपए का भुगतान करता है किंतु श्रोत पर न्यूनतम 10% आयकर कटौती भी नहीं करता विवि को यह जानकारी भी नहीं है कि ऐसे मूल्यांकनकर्ता विवि से प्राप्त पर्याश्रमिक पर अपने कॉलेज के माध्यम से आयकर कटौती करवाते भी हैं या नहीं, एनएसयूआई छत्तीसगढ़ विवि से मांग करती है कि विवि खुलने की तिथि से आयकर कटौतियों की पुष्टि करे अन्यथा एनएसयूआई छत्तीसगढ़ विधिसम्मत कार्यवाही करेगी।

सौंपा गया ज्ञापन

एनएसयूआई बस्तर संभाग के समस्त परीक्षार्थियों की असुविधा और पीड़ा को समझती है इसलिए विवि वार्षिक ऑनलाइन परीक्षा की तत्काल घोषणा करे। ऑफलाइन परीक्षा के नाम पर विद्यार्थियों का शोषण बंद करे, इसके अतिरिक्त परीक्षा धांधलियों सहीं मूल्यांकन और आयकर संबंधी हमारी मांगों को तत्काल पूरा करे अन्यथा एनएसयूआई राजभवन तक पैदल मार्च कर आंदोलन करेगी।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रदेश महासचिव ज्योति राव, पूर्व प्रदेश संयुक्त सचिव अरुण गुप्ता, पूर्व कार्यकारी जिला अध्यक्ष मनोहर सेठिया, पूर्व कार्यकारी जिला अध्यक्ष अंकित सिंह, पूर्व प्रवक्ता उस्मान रजा, पूर्व प्रदेश संयुक्त सचिव माज लीला, जगदलपुर ब्लॉक अध्यक्ष फैसल नवी,जिला महासचिव जश्केतन जोशी, जिला महासचिव पंकज केवट, जिला महासचिव नूरेंद्र राज साहू,पूर्व प्रदेश सचिव आसिफ अली, एनएसयूआई स्कूल यूनिट के लोकेश चौधरी, कारण बजाज, हर्ष साहू एवं सैकड़ों छात्र छात्राएं मौजूद थे।

दिनेश के.जी. (संपादक)

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