थैंक यू पार्टनर : छत्तीसगढ़ की मिट्टी में फिर दिखा प्रकृति प्रेम, JCB और हाथी शावक का भावुक लम्हा वायरल, रेस्क्यू के बाद गड्ढे से निकलते ही हाथी शावक ने सूंड से JCB को छूकर जताया आभार, देखें वीडियो..

वन विभाग और ग्रामीणों की टीम वर्क को मिला सूंड से सलाम
गड्ढे से निकला जीवन : रेस्क्यू नहीं, रिश्ते की कहानी.. रायगढ़ में इंसान और वन्यजीव का अनोखा जुड़ाव
रायगढ़ (छत्तीसगढ़)। घरघोड़ा वन परिक्षेत्र में बीते दिन एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने इंसान और जानवर के बीच की भावनात्मक डोर को फिर से मजबूत कर दिया। एक गहरे गड्ढे में फंसे नन्हे हाथी शावक को वन विभाग और ग्रामीणों की सतर्कता और सूझबूझ से सुरक्षित बाहर निकाला गया। लेकिन असली जादू तब हुआ जब शावक ने बाहर निकलते ही अपनी सूंड से जेसीबी मशीन को छूकर मानो कहा – “थैंक यू पार्टनर !”
यह पल कैमरे में कैद हुआ और देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बचाव कार्य में लगी जेसीबी मशीन ने जब धीरे-धीरे मिट्टी हटाकर रास्ता बनाया, तो नन्हा हाथी धीरे-धीरे बाहर आया। बाहर आते ही उसने न सिर्फ चैन की सांस ली, बल्कि जेसीबी को अपनी सूंड से छूकर एक ऐसा भाव जताया जो शब्दों से परे था – आभार, भरोसा और अपनापन।
देखें वीडियो : जब वन्यजीव ने जताया विश्वास – हाथी शावक ने रेस्क्यू के बाद सूंड से किया जेसीबी को सलाम
एक रेस्क्यू नहीं, करुणा की कहानी
यह बचाव कार्य केवल एक ऑपरेशन नहीं था, यह करुणा, संवेदनशीलता और प्रकृति से जुड़ाव की एक जीवंत मिसाल बन गया। वन विभाग की टीम, स्थानीय ग्रामीण और मशीन ऑपरेटर – सभी ने मिलकर जिस धैर्य और प्रेम से यह कार्य किया, वह इंसानियत की सबसे खूबसूरत तस्वीरों में से एक है।
प्रकृति का जवाब : आभार
हाथी शावक का यह भावुक इशारा हमें याद दिलाता है कि जंगल के जीव भी भावना रखते हैं, वे दर्द भी समझते हैं और कृतज्ञता भी व्यक्त करते हैं। यह घटना न केवल दिल को छू लेने वाली है, बल्कि एक संदेश भी है कि जब हम प्रकृति के साथ प्रेम और समझ से पेश आते हैं, तो वह भी हमें अपना स्नेह लौटाती है।
प्रकृति के प्रति हमारी करुणा ही असली मानवता है – वनमंत्री केदार कश्यप
रायगढ़ ज़िले के घरघोड़ा वन परिक्षेत्र में एक नन्हे हाथी शावक को गड्ढे से सुरक्षित बाहर निकालते हुए वन विभाग और स्थानीय ग्रामीणों ने जो संवेदनशीलता और तत्परता दिखाई, वह प्रशंसनीय है। इस भावुक रेस्क्यू का वीडियो मैंने खुद देखा और साझा किया है, जब शावक ने बाहर आते ही जेसीबी को अपनी सूंड से स्पर्श किया, वह दृश्य केवल एक आभार नहीं था, बल्कि इंसान और वन्यजीवों के बीच के विश्वास का प्रतीक था।
इस अभियान में शामिल सभी कर्मचारियों और ग्रामीणों को मैं दिल से धन्यवाद देता हूँ। यह घटना हमें याद दिलाती है कि जब हम प्रकृति के साथ तालमेल से काम करते हैं, तो वह भी हमें स्नेह और सम्मान लौटाती है।
हमारी सरकार वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और ऐसे प्रयासों से हम इस दिशा में लगातार आगे बढ़ते रहेंगे।