वायरस के खिलाफ जंग में देश को मिला तीसरा हथियार, भारत में आज लगी पहली विदेशी कोरोना वैक्सीन, जानें किसे लगी स्पुतनिक V वैक्सीन की पहली डोज़

कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अब भारत को तीसरा हथियार भी मिल चुका है। आज से देश में स्पुतनिक V वैक्सीन मिलने लगी है। भारत में सबसे पहले डॉ. रेड्डी लोबोरेटरीज के कस्टम फार्मा सर्विस के ग्लोबल हेड दीपक सप्रा ने इस टीके को लिया

नई दिल्ली। भारत में पहली बार कोरोना वैक्सीन का विदेशी टीका लगाया गया है। रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी का टीका दीपक सप्रा को दिया गया है। उन्होंने यह टीका हैदराबाद में लिया है. दीपक सप्रा डॉ. रेड्डी लोबोरेटरीज के कस्टम फार्मा सर्विस के ग्लोबल हेड हैं. कोरोन के खिलाफ लड़ाई में दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन पहले से लोगों को लगाई जा रही है ऐसे में तीसरी वैक्सीन आने से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत को और ज्यादा बल मिलेगा। बता दें कि भारत में रूस की स्पुतनिक वी कोरोना वैक्सीन की कीमत भी तय कर दी गई है। यहां इसकी कीमत 948 रुपये होगी. वैक्सीन पर 5 प्रतिशत जीएसटी अलग से लगेगा। टैक्स के बाद एक डोज की कीमत 995 रुपये हो जाएगी।

दीपक सापरा ने लिया स्पूतनिक-V का पहला टीका

अगले हफ्ते से भारतीय बाजार में उपलब्ध

स्पुतनिक वैक्सीन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि कोरोना महामारी के खिलाफ यह वैक्सीन अगले सप्ताह की शुरूआत में देशभर के बाजारों में मिलने लगेगा. सरकार ने यह घोषणा स्पुतनिक वी वैक्सीन की 150,000 डोज की पहली खेप पहुंचने के 12 दिन बाद की है।

रूस में किया गया है विकसित

स्पुतनिक वी वैक्सीन को रूस के गामालेया नेशनल सेंटर की ओर से विकसित किया गया है. देश में कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद टीकों की मांग में अचानक से तेजी देखी गई थी. ऐसे में स्पुतनिक वैक्सीन बाजार में आने से लोगों को टीके के लिए मारामारी से राहत मिल सकती है.

दो वैक्सीन पहले से मार्केट में

स्पुतनिक वैक्सीन से पहले पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से कोविशील्ड जबकि हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की ओर से विकसित कोवैक्सीन भारतीय नागरिकों को लगाया जा रहा है।

Dinesh KG
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