33 केवी के दो फीडरों का सफल ऊर्जीकरण, बस्तर और बकावण्ड विकासखण्ड के लोगों को मिलेगी लो-वोल्टेज की समस्या से निजात

सीजीटाइम्स। 02 अगस्त 2019

जगदलपुर। परचनपाल स्थित 400/220 केवी अति उच्चदाब के विद्युत उपकेन्द्र में 33 केवी के दो फीडरों का सफल ऊर्जीकरण मंगलवार पिछले दिनों को किया गया। बस्तर और घाटलोहंगा विद्युत उपकेन्द्रों तक विद्युत आपूर्ति के लिए बनाए गए इन फीडरों से बस्तर विकासखण्ड और बकावंड विकासखण्ड के लोगों को लो वोल्टेज के साथ ही बार-बार बिजली आपूर्ति में बाधा जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी। बस्तर के पास स्थित परचनपाल-महुपाल बरई में 400/220 केवी का अति उच्च दाब का विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किया गया है। इस विद्युत उपकेन्द्र में रायपुर के पास स्थित रायता ग्राम से सीधे विद्युत की आपूर्ति हो रही है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत पारेषण एवं वितरण कम्पनी के अधिकारियों ने 30 जुलाई की शाम को इसका सफल ऊर्जीकरण किया । इस केन्द्र के बन जाने से बस्तर जिले की बारसूर विद्युत उपकेन्द्र पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। फिलहाल जिले के बस्तर और बकावण्ड क्षेत्र के उपभोक्ताओं को इस केन्द्र से लाभ मिलेगा। इसके बाद जिले के अन्य क्षेत्रों में स्थापित विद्युत उपकेन्द्रों में भी यहां से बिजली का आपूर्ति की जाएगी। विद्युत पारेषण कम्पनी के अधिकारियों ने बताया कि 132/33 केवी के विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण 33 करोड़ की लागत से किया गया है, जिसका ऊर्जीकरण लगभग एक सप्ताह पूर्व किया गया है।
अभी बस्तर जिले को बिजली की आपूर्ति दंतेवाड़ा जिले के बारसूर स्थित 220 केव्ही उपकेन्द्र के माध्यम से हो रही है। घने जंगलों से गुजरने वाले इस विद्युत लाईन में बाधा आने पर पूरे जिले में विद्युत आपूर्ति बाधित होने की संभावना बनी रहती थी और बाधा आने पर सुधार कार्य में भी अधिक समय लगता था। इस केन्द्र में कोई खराबी आ जाने पर पूरे बस्तर में ब्लेक आउट की स्थिति निर्मित हो जाती थी, लेकिन अब बारसूर केन्द्र से बस्तर की निर्भरता खत्म हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि 2007 में अबुझमाड़ क्षेत्र के झाराघाटी और 2008 में बारसूर के पास विद्युत टावर को गिरा दिया था, पहली घटनां में लगभग एक पखवाड़े तक पूरे बस्तर संभाग में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई थी, वहीं दूसरी घटना में भी लगभग एक सप्ताह तक पूरे अंचल में ब्लैक आउट की स्थिति रही। ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए परचनपाल में नए उच्च दाब के विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का निर्णय लिया गया था और इस उपकेन्द्र में मैदानी क्षेत्रों से विद्युत लाईन बिछाकर रायता से विद्युत आपूर्ति की जा रही है। वर्तमान में बस्तर और बकावण्ड विकासखण्ड के उपभोक्ताओं द्वारा लो-वोल्टेज और अनियमित बिजली आपूर्ति की शिकायत की जाती रही है। इस केन्द्र के बन जाने से यह समस्या दूर हो जाएगी।

Dinesh KG
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3 thoughts on “33 केवी के दो फीडरों का सफल ऊर्जीकरण, बस्तर और बकावण्ड विकासखण्ड के लोगों को मिलेगी लो-वोल्टेज की समस्या से निजात

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