धान खरीदी का समय बार-बार आगे बढ़ाने पर भाजपा ने किया प्रतिकार, किसानो से छल कर रही कांग्रेस सरकार, 15 नवंबर से आरंभ हो धान खरीदी – बैदूराम

जगदलपुर। भारतीय जनता पार्टी ने किसानों के धान की खरीदी का समय बार-बार आगे बढ़ाने के प्रदेश सरकार के फैसले का कड़ा प्रतिकार किया है। पार्टी ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार के इस रवैये से साफ हो रहा है कि वह किसानों के प्रति जरा भी संवेदनशील नहीं है। भाजपा ने प्रदेश सरकार से धान खरीदी हर हाल में 15 नवंबर से ही शुरू करने की मांग की है।
भाजपा जिला अध्यक्ष बैदू राम कश्यप ने कहा कि 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल धान हर वर्ष खरीदने का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस अब अपने वादे से मुंह चुराने का काम कर रही है। किसानों का हर तरह का हर कर्ज माफ करने की गंगाजल हाथ में लेकर कसमें खाने वाली कांग्रेस ने किसानों के कर्ज माफ करने में छलावा किया और अब बकाया बोनस भुगतान की बात भी नहीं कर रहे हैं। किसानों के मुद्दे पर केवल सियासत करने के अपने मूल राजनीतिक चरित्र के प्रदर्शन पर आमादा प्रदेश सरकार अब धान खरीदी से बचने के लिए नित-नए स्वांग कर रही है। कांग्रेस के नेता और मदांध सत्ताधीश यह न भूलें कि भाजपा उन्हें उनके वादे पूरे करने के लिए बाध्य करने का दमखम रखती है।

श्री कश्यप ने कहा कि भाजपा शासनकाल में छत्तीसगढ़ के किसानों का धान बिना नागा हर साल एक नवंबर से खरीदा जाता था लेकिन प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार ने पहले 15 नवंबर और अब एक दिसंबर से धान खरीदने की घोषणा की है।

भाजपा जिला अध्यक्ष श्री कश्यप ने कहा कि प्रदेश की भूपेश सरकार के फैसले गंभीर कम और सनकमिजाजी के प्रतीक ज्यादा नजर आ रहे हैं। खुद को किसान बताने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को क्या इस बात का जरा भी इल्म नहीं है कि फसल कटाई के बाद किसानों को अपनी उपज का धान सुरक्षित रखने में कितनी दिक्कतों से जूझना पड़ता है? फिर उनकी उपज के धान का वजन सूखत के चलते भी कम होगा, जो किसानों के लिए बेहद नुकसानदेह साबित होगा। भाजपा शासन में किसानों को उनकी उपज का भरपूर दाम मुहैया कराने के लिए एक नवंबर से ही हर साल धान खरीदी शुरू की जाती थी, लेकिन मौजूदा कांग्रेस सरकार को किसानों की जरा भी फिक्र नहीं है। किसानों को अपने वोट की फसल मानने वाली भूपेश सरकार को याद रखना चाहिए कि अन्नदाता किसानों के साथ छलावे की उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

बैदूराम ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए दीवाली से पहले धान खरीदी का दबाव बनाने वाले कांग्रेस नेता आज अपनी सरकार के फैसले पर मौन साधे क्यों बैठे हैं? धान खरीदी में प्रदेश सरकार जिस तरह हीलाहवाला कर रही है, उससे कांग्रेस और उसके सत्ताधीशों की नीयत पर शक गहराता जा रहा है। धान खरीदी के वादे से मुंह चुराती प्रदेश सरकार अकारण इस मुद्दे पर राजनीति करके अपनी विफलताओं और बदनीयती का ठीकरा केन्द्र सरकार पर फोड़ने का काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने इस वर्ष धान खरीदी को लेकर कोई नीति नहीं बनाई है और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार इसी नीति के तहत किसानों का धान खरीदती थी और किसानों को बोनस भी देती थी। लेकिन मौजूदा प्रदेश सरकार की नीयत ही किसानों का भला सोचने की नहीं है, इसलिए कांग्रेस के लोग अब तरह-तरह के छल-प्रपंच करने पर उतर आए हैं।

श्री कश्यप ने याद दिलाया कि विधानसभा चुनाव के दौरान घोषणा पत्र जारी करते समय कांग्रेस के नेता बाकायदा आंकड़ों के साथ यह बता रहे थे कि किस तरह वे किसानों से किए जा रहे वादे पूरे करेंगे। तब क्या गंगाजल हाथ में लेकर कांग्रेस नेताओं ने यह कहा था कि केन्द्र सरकार के भरोसे वे यह वादा कर रहे हैं? अब कांग्रेस की प्रदेश सरकार किसानों से किए गए तमाम वादों को ईमानदारी और संजीदगी से पूरा करे और इसमें किसी भी तरह की बहानेबाजी या सियासी स्वांग न तो प्रदेश बर्दाश्त करेगा और न ही भाजपा किसानों का कोई अहित होने देगी।

Dinesh KG
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