जगदलपुर। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष मतदान से पार्षदों के माध्यम से किए जाने के निर्णय के बाद छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के प्रावधानों के तहत महापौर पद के लिए उम्र की अहर्ताओं की विसंगतियों से पार्षद का चुनाव जीत कर पार्षद बनने के बाद पार्षद महापौर नहीं बन सकते हैं। क्योंकि पार्षद के लिए उम्र की अहर्ता 21 वर्ष है और महापौर के लिए 25 वर्ष आयु का होना बन रही है बाधा, अधिनियम की यह विसंगति कई पार्षदों को महापौर बनने से वंचित करेगा।
छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 में महापौर एवं पार्षद के निर्वाचन के नियम में विसंगति है। छ.ग.नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 12 (ए) में मतदान के लिए मतदाताओं की अहर्ता उस वर्ष की पहली जनवरी को 18 वर्ष की आयु पूर्ण किया होना आवश्यक है। 18 वर्ष का वयस्क मतदाता पार्षद के लिए मतदान कर सकता है, लेकिन पार्षद पद का चुनाव नही लड़ सकता है। क्योंकि वह 21 की अहर्ता नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के अनुसार पूरी नहीं करता है। यह पहली अधिनियम की विसंगति है, जिसमें मतदान की पात्रता तो है लेकिन चुनाव नहीं लड़ा जा सकता है। यह विसंगति लगभग सभी छोटे बड़े चुनाव के साथ बनी हुई है। लेकिन नगर पालिक निगम क्षेत्र में छत्तीसगढ़ शासन के नए प्रावधान के तहत पार्षदों के द्वारा महापौर का अप्रत्यक्ष चुनाव की प्रणाली के लागू होने के बाद छ.ग.नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 16 (क) में उल्लेखित प्रावधान के अनुसार महापौर के चुनाव लड़ने हेतु न्यूनतम आयु 25 वर्ष निर्धारित है। छ.ग.सरकार के मंत्रिमंडल के समिति के द्वारा दिये गए अनुशंसा के अनुसार प्रत्यक्ष मतदान के माध्यम से निर्वाचित पार्षदों में से किसी एक पार्षद को पार्षदों द्वारा महापौर चुना जाना है, लेकिन अधिनियम की विसंगति से दुर्भाग्य की बात यह है कि यदी कोई पार्षद 21 वर्ष से अधिक और 25 वर्ष से कम आयु का है तो वह महापौर के निर्वाचन में भाग नही ले सकता है। क्योंकि 21 वर्ष का मतदाता तो पार्षद का चुनाव लड़कर पार्षद तो निर्वाचित हो सकता है, और महापौर को वोट देकर महापौर का चुनाव कर सकता है, लेकिन 25 वर्ष से कम आयु का निर्वाचित पार्षद चुनाव जीतने के बाद भी महापौर का चुनाव नही लड़ सकता है क्योंकि उसकी आयु 25 वर्ष से कम है।
छ.ग. नगर पालिक निगम अधिनियम की धारा 16 (ख) के अनुसार पार्षद चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित है। और अगर 21 वर्ष से अधिक और 25 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति पार्षद पद पर निर्वाचित होते है तो भी उन्हें महापौर पद पर निर्वाचन में हिस्सा लेने से वंचित रहना पड़ेगा। चूंकि अब पार्षदों के बीच से ही महापौर का निर्वाचन किया जाना है इसलिए जो पार्षदों के निर्वाचन के लिए आयु सीमा तय है वही महापौर के निर्वाचन के लिए आयु सीमा तय होना चाहिए था। लेकिन अधिनियम की विसंगति को ठीक किए बिना यह संभव ही नहीं है कि कोई पार्षद 21 वर्ष की आयु पूरी कर लेने के बाद पार्षद बन सकता है लेकिन महापौर नहीं बन सकता है।
668261 833305Great job on this write-up! I actually like how you presented your facts and how you made it fascinating and straightforward to comprehend. Thank you. 855190